नई दिल्ली : महंगाई से निपटने को लेकर सरकार की तरफ से की जा रही तमाम कोशिशें एक के बाद एक विफल होती नजर आ रही है। जी हां, दरअसल हम बात कर रहे हैं पेट्रोल डीजल की बढ़ी कीमतों की, जिसने आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है। केंद्र सरकार की तरफ से पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर लगाम लगाने को लेकर तमाम तरह के दावे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि पेट्रोल डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा होता नजर आ रहा है। पेट्रोल डीजल की मौजूदा कीमतों की बात करें तो इसने पिछले 4 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मतलब पेट्रोल डीजल की मौजूदा कीमत अपने 4 साल के उच्चतम स्कोर पर है।
गौरतलब है कि जून 2017 से हर दिन तेल कंपनियों द्वारा ईंधन की कीमतों में बदलाव किया जाता है। इसी के तहत रविवार को जारी मूल्य अधिसूचना में डीजल-पेट्रोल दोनों की कीमतों में 18 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। इस बढ़ोतरी के बाद राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 73.73 रुपए हो गई है जो, 14 सितंबर 2014 के बाद से सबसे अधिक है ,वहीं डीजल का मूल्य बढ़ कर 64.58 हो गया है, जो सर्वकालीन उच्चतम है।
तेल मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में उत्पाद कर में कटौती की मांग उठाई थी, लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में इसे नजरअंदाज कर दिया। दक्षिण एशियाई देशों में पेट्रोल-डीजल के खुदरा मूल्य भारत में सबसे ज्यादा हैं। तेल की कुल कीमत में से आधे टैक्स होते हैं। जेटली नवंबर, 2014 से जनवरी, 2016 के बीच नौ बार बढ़ा चुके हैं, लेकिन इसमें दो रुपये की कटौती सिर्फ अक्तूबर, 2017 में की थी।
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