सर्वेश यादव कि रिपोर्ट
वाराणसी : रामेश्वर कथा अमृत रस है। श्री राम कथा संसार रूपी भवसागर को पार करने के लिए सबसे सुरक्षित पक्की नाव है। श्री राम के कृपा के बिना भवसागर पार करना कठिन है। राम का चरित्र ही पूरी राष्ट्रीयता है। दुनिया में दुखो का नाश करना, सज्जनो की रक्षा करना, यह धर्म स्थापना से ही सम्भव है। पुरुषोत्तम मास में आसुरी शक्तियों का नाश करने की क्षमता है। पंचक्रोशी तीर्थ यात्रा में श्री राम की कथा श्रवण से ही जीवन की व्यथा मिट सकती है। पृथ्वी पर काशी ही ऐसी देवलोक पवित्र नगरी है, जहां नारायण और महादेव दोनों वास करते हैं। समस्त पाप समूहों की शांति, पितरो के उद्धार, देव एवम् पितृ ऋण से मुक्ति पाने, दैहिक ,दैविक,भौतिक ताप की निबृत्ति ,रोग व् ग्रहों की शांति काशी वास व् यात्रा से भगवान महादेव की कृपा से मिलती है। पञ्चाक्षरी महामन्त्र अथवा ‘शिव- शिव’जाप व् कीर्तन “हर हर महादेव शम्भो काशी विश्वनाथ गङ्गे” कहने से मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। पंचक्रोशी यात्रा में श्री राम कथा के श्रवण व् अनुशीलन से मनुष्य का जीवन देवमय हो जाता है। मन की सारी संकीर्णता व् कलुषता मिट जाती है। उक्त विचार” धर्म जागरण समन्वय काशी प्रान्त के तत्वावधन में आयोजित सात दिवसीय श्री राम कथा के दूसरे दिन मानस मर्मज्ञ परम् पूज्य दिलीप कृष्ण भारद्वाज मथुरा (बृंदावन)ने कही।
उन्होंने यह भी कहा कि मनुष्य को व्यक्तिगत सुखो की चिंता न करते हुए सम्पूर्ण समाज व् राष्ट्र की सुख समृद्धि व् प्रसन्नता को केंद्र में रखकर आचरण करना चाहिए। श्री राम कथा के प्रारम्भ में श्री रामचन्द्र जी की आरती उतारी गई। श्री राम के जयघोष के साथ पूरा कथा स्थल संगीतमय व् भक्तिमय हो गया। यजमान की भूमिका में आयोजको ,तीर्थ भक्तो व् सपत्नीक ग्रामीणों ने आरती उतारी।
कथा स्थल का पांडाल संगीतमय भक्ति गीत से शुरू हुई।जिसे सुनने के लिए भक्तो ,पंचक्रोशी तीर्थ यात्रियों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। भगवान शिव व् पार्वती जी की मार्मिक कथा के साथ समाप्त हुआ।मङ्गलाचरण ,श्री राम स्तुति ,आराधना व् सामूहिक प्रार्थना के साथ श्री रामायण जी की आरती उतार कर भक्तजनो में प्रसाद वितरित किया गया। दिलीप कृष्ण भारद्वाज ने सभी भक्तो को आशीर्वाद देते हुए कथा के मर्मज्ञता को हृदयांगम करने का आग्रह किया।