नई दिल्ली : कठुआ में एक 8 साल की मासूम बच्ची के साथ हुए गैंगरेप मामले को लेकर देशभर में बवाल देखने को मिल रहा है। घटना को लेकर आक्रोशित लोग सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच बच्ची के पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इस पूरे मामले में एक नया मोड़ आ गया है। इस मामले को लेकर पुलिस की तरफ से जो चार्जशीट पेश किए गए हैं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में वह सारे आरोप खारिज होते दिख रहे हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची के साथ दुष्कर्म का कोई जिक्र तक नहीं है। वहीं अब इस मामले को लेकर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिला अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट की तरफ से स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम को 2 पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंपी गई है, जबकि अमूमन एक ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट अस्पताल से भेजी जाती है। गौर करने वाली बात यह भी है कि दोनों रिपोर्ट अलग-अलग डॉक्टरों की है और इस में काफी अंतर देखने को मिल रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि इन दोनों रिपोर्टों में कहीं पर भी बच्ची के साथ दुष्कर्म का कोई जिक्र तक नहीं है।
बता दें कि क्राइम ब्रांच की चार्जशीट में दावा किया गया है कि बच्ची का गला घोटकर उसके सिर पर पत्थर से वार किया गया है, मगर बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ये दावा मेल नहीं खाती है। पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्ची के शरीर में छह जख्म किए गए हैं। इसमें से एक कान के पास है। बताया जा रहा है कि जख्म गिरने की वजह से आम तौर पर होता है। इस रिपोर्ट में बच्चे की खोपड़ी पर कोई फ्रेक्चर की बात नहीं की गई है।
वहीं दूसरी रिपोर्ट में भी बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चे की जांघ पर कुछ खरोचें जरूर आई है मगर यह चोट गिरने के कारण से भी हो सकती है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्ची का हाइमन फटा हुआ है। मगर विशेषज्ञों का कहना है कि हाइमन भारी काम करने से भी टूट सकता है। इसके साथ रिपोर्ट कहती है कि गुप्तांग और एफएसएल भेजे गए कपड़ों में कोई वीर्य नहीं पाया गया है। हालांकि क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट में यह दावा जरूर किया है कि जांच के लिए एफएसएल में भेजे गए कपड़े पहले ही धोए जा चुके हैं।
17 जनवरी को रसाना के जिस स्थान से शव बरामद किया गया, वहां पर उसे पत्थर मारने का दावा क्राइम ब्रांच ने किया था। मगर उस पत्थर पर भी खून का निशान नहीं मिले है। इससे यह संकेत मिलता है कि बच्ची की मौत पहले हो चुकी थी। आशंका जताई जा रही है कि बच्ची की मौत का कारण सांस रुकने से हुए हार्ट अटैक से हो सकती है। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि बच्ची के पेट में नशीली दवाई मिली हैं। जहां तक बच्ची के शरीर पर चोट के निशान की बात है तो उसके दाहिने बाजू, पेट और निचले हिस्सों पर खरोचें हैं।
गौरतलब है कि बच्ची के बाल, जिन्हें देवस्थान से बरामद करने का दावा किया गया, वे मार्च में क्राइम ब्रांच ने दिल्ली एफएसएल को भेजे थे। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या देवस्थान की 17 जनवरी के बाद कोई सफाई नहीं हुई? इस देवस्थान पर लोग रोजाना पूजा करने आते हैं।
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