नई दिल्ली : देश के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के कूटनीति का शायद ही कोई तोड़ निका सके, तभी तो उन्होंने अपनी छवि एक इंटरनेशनल लीडर के तौर पर स्थापित की है। एक बार फिर पीएम मोदी ने अपनी नायाब कूटनीति का बेमिसाल उदाहरण पेश करते हुए एक ऐसा मास्टर स्ट्रोक खेला है कि पडोसी देश पाकिस्तान के पास सिवाय चुपचाप टकटकी लगाए देखने के कोई विकल्प नहीं है। आईये बताते हैं कि पूरा माजरा क्या है।
दरअसल सोमवार को 60 टन के वजन से लदा पहला कार्गो एयरक्राफ्ट भारत से अफगानिस्तान पहुंचा और इसके साथ दोनों देशों के बीच हवाई मार्ग की शुरुआत भी हो गई। खास बात है कि इस बात का इल्म पाकिस्तान और वहां मौजूद आतंकियों को भी नहीं हो सका। इस कार्गो से दवाईयों को अफगानिस्तान से भारत पहुंचाया गया है।
भारतीय अधिकारियों ने इस पर कहा है कि कार्गो सेवा का मकसद अफगानिस्तान के विदेशी बाजारों से रुके हुए संबंधों को फिर से बहाल करना और कृषि और कालीन उद्योग, जो तालिबान आतंकवाद की वजह से चौपट हो चुका है उसे फिर से तरक्की के रास्ते पर वापस लाना है। अफगानिस्तान में भारत के राजदूत मनप्रीत वोहरा ने राष्ट्रपति घनी से कहा, ‘इस कार्गो के आगे बढ़ने के बाद हम आपको अलग-अलग तरह से मदद करते रहेंगे और बाजार की मांग के मुताबिक कार्गो का नेटवर्क बढ़ता रहेगा।’
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