संतोष कुमार शर्मा की रिपोर्ट :
बलिया: अस्पताल की व्यवस्था सुदृढ़ बनाने को लेकर जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत लगातार वहां नजर बनाये हुए हैं। इसके लिए अब वे हर हप्ते अस्पताल जाएंगे और दवा वितरण व स्टाॅक की स्थिति से लेकर ओपीडी, आपरेशन व अन्य व्यवस्था की साप्ताहिक समीक्षा करेंगे। मंगलवार की शाम अचानक वे खुद अस्पताल पहंुच गये। सीएमएस व अन्य स्टाॅफ से दवा वितरण, स्टाॅक व दवा की उपलब्धता के अलावा सीटी स्कैन, डिजीटल एक्स-रे, डायलीसिस मशीन लगाने से जुड़ी कार्यवाही से सम्बन्ध में पूछताछ की। पिछले तीन माह का प्रतिदिन चिकित्सकवार ओपीडी का विवरण मांगा। यह भी चेताया कि अस्पताल में चादर, पंखे आदि जैसे बुनियादी संसाधन सम्बन्धी शिकायत मिली तो अधिकारी के अलावा सम्बन्धित लिपिक पर इसकी गाज गिरेगी।
सीएमएस कक्ष में जिलाधिकारी ने दवा स्टोर इंचार्ज योगेंद्रनाथ पांडेय से आधा दर्जन विन्दुओं पर पूछताछ की और रजिस्टर व स्टाॅक की स्थिति को चेक किया। कई वर्षों से यहीं जमे रहने पर सवाल किया कि आखिर एक ही जगह पर तैनाती से हटाने को लेकर पत्र क्यों नहीं लिखा गया ? सीएमएम ने दवा की कमी का रोना रोते हुए कहा कि इससे जन आक्रोश का सामना डाॅक्टरों को करना पड़ता है। सर्जन व पैथलाॅजिस्ट की कमी से भी हो रही दिक्कतों को बताया। जिलाधिकारी ने इस सभी समस्याओं को लिखित रूप से देने की बात कही।
निरीक्षण के दौरान वहां मौजूद लोगों ने बताया कि ट्राॅयल होने के बाद भी लिफ्ट चालू नहीं हुई। इस पर जिलाधिकारी ने सीएमएम से सवाल किया। कहा कि अगर लिफ्ट चालू नहीं हुई तो इसका काम करने वाली संस्था को ब्लैकलिस्टेड के लिए कार्रवाई क्यों नहीं हुई? उन्होंने तत्काल इसको चालू कराने के लिए जरूरी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
सीटी स्कैन कक्ष का लिया जायजा
– जिलाधिकारी ने अस्पताल के नये भवन में लगने वाले सीटी स्कैन कक्ष का जायजा लिया। उन्होंने सम्बन्धित इंजीनियर से जरूरी जानकारी लेने के बाद निर्देश दिया कि इंस्टालेशन की प्रक्रिया को शीघ्र कराया जाए। अगर कोई दिक्कत आती है तो इंस्टाॅल करने वाले से मुझसे बात कराया जाए। उन्होंने कक्ष में हो रहे कार्य सम्बन्धी पूछताछ की। डायलीसिस व डिजीटल एक्स-रे मशीन के सम्बंध में सीएमएस ने बताया कि मशीन आई नहीं है लेकिन इसकी प्रक्रिया चल रही है।
परिसर में सुअर देख भड़के डीएम
निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिसर में दर्जन भर सुअर घुमते देख जिलाधिकारी भड़क गये। उन्होंनें सीएमएस डाॅ डी.प्रसाद को फटकार लगाते हुए कहा कि अस्पताल परिसर में इस तरह जानवरों के आने से रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। आगे से ऐसे जानवरों के परिसर में घूमने की शिकायत मिली तो खैर नहीं। यह भी कहा कि अस्पताल में या परिसर में गंदगी की समस्या कत्तई न दिखे।
डाॅक्टरों को अनावश्यक परेशान करने वालों पर होगा मुकदमा
अस्पताल में आए दिन चिकित्सकों से अभद्रता की बात संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी ने सभी चिकित्सकों को आश्वस्त किया कि अनावश्यक कोई परेशान नहीं करेगा। ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनका नाम बता दें। गोपनीय तरीके से उसकी जांच की जाएगी। चिकित्सकों को अनावश्यक परेशान करने वाले चाहे कोई हों, उन पर भी कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी। जरूरत पड़ी तो मुकदमा भी दर्ज होगा।