लखनऊ : यूपी के फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में मिली करारी हार ने बीजेपी आलाकामान को परेशानी में डाल दिया। गोरखपुर लोकसभा सीट को बीजेपी की पारंपरिक सीट माना जाता है, ऐसे में इस सीट पर मिली हार ने न सिर्फ बीजेपी बल्कि सीएम योगी की क्षमता पर भी साल खड़े कर दिए। वहीँ इस उपचुनाव को लेकर सारे शिकवे-गिले भुला कर सपा और बसपा एक साथ आये और दोनों सीटों पर जीत दर्ज़ की। उपचुनाव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीएम योगी ने तब इसे पार्टी के अति-आत्मविश्वास को कारण बताया था, लेकिन अब सीएम योगी ने इस हार को लेकर खुलकर अपनी बात रखी है।
एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान सीएम योगी ने उपचुनाव में मिली हार पर अपनी बात रखते हुए कहा कि जब अति-आत्मविश्वास में कोई कार्य होता है तो इस प्रकार की स्थिति होती है, लेकिन यह एक सबक भी है। आने वाले समय में हम लोग इन सब चूकों से कुछ ना कुछ प्रेरणा लेकर बेहतर करेंगे। योगी ने कहा कि पहले चुनाव प्रचार के दौरान वह ऊपर से नीचे तक हर चीज पर नजर रखते थे। हालांकि इस बार अति-आत्मविश्वास की वजह हार का कारण बनी। गोरखपुर में कार्यकर्ताओं और वोटरों ने मान लिया था कि बीजेपी जीत रही है। ऐसे में वोटिंग भी कम हुई और यह बीजेपी की हार की वजह बनी।
वहीँ सीएम योगी ने सपा-बसपा गठबंधन को मात देने की रणनीति को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ये गठबंधन है या सत्ता की सौदेबाजी, पहले इस गठबंधन का नेता कौन होगा वो ये तो तय कर लें। अखिलेश यादव होंगे या मुलायम यादव, मायावती होंगी या इस गठबंधन में कांग्रेस के भी जुड़ने पर राहुल गांधी, तय तो करें पहले। राहुल गाँधी पर तंज़ कसते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पहले जगह तो ढूंढे कि उनकी जगह कहां पर है। साइकिल में तो दो ही सीट होती हैं, तीसरी लगती ही नहीं है।
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