नई दिल्ली : लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए जनप्रतिनिधि को चुनते हैं और उम्मीद करते हैं कि जरुरत के समय वो उनकी सुध लेने जरूर आयेंगे। हालाँकि होता बिलकुल इसके उलट है, लेकिन अपवाद स्वरुप कुछ ऐसे नेता हैं, जो जनता की उम्मीदों पर खरे उतारते भी हैं। लेकिन फिलहाल जिस मामले से हम आपको अवगत कराना कहते हैं, वो मामला जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने और न उतरने के मामले से थोडा हटकर है और अपने आप में अनूठा मामला है। ऐसा मामला जिसके बारे में आज तक आपने नहीं सुना होगा।
दरअसल आलाकमान के निर्देश पर एक विधायक जी को सुखा प्रभावित क्षेत्र में लोगों का हाल पूछने जाना था, लेकिन विधायक जी खुद तो नहीं गए, किसी और को भेज दिया। हैरानी की बात ये नहीं है कि विधायक जी ने अपनी जगह किसी और को भेजा, बल्कि ताज्ज़ुब की बात ये है कि विधायक जी के बदले जो माननीय जनता का हाल पूछने गए उन्होंने खुद को विधायक बताया। बस फिर क्या था, इस मामले नें तूल पकड़ लिया। मामला महराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले का है और विधायक जी गौतम चाबुकस्वर शिवसेना से ताल्लुकात रखते हैं।
दरअसल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विधायक जी को जनता के बीच जाने का निर्देश दिया था लेकिन जिस अंदाज़ में विधायक जी नें ठाकरे के निर्देशों का पालन किया है, वो अपने आप में काबिले-तारीफ है। हालाँकि अभी तक इस मममले में न तो विधायक जी और न ही पार्टी की तरफ से कोई आधिकारिक बयान है, लेकिन घटना के खबर जंगल में आग की तरह फ़ैल गयी है, और अब अन्य दलों के नेता अपनी-अपनी भूमिका बखूबी निभा रहे हैं, और विधायक जी को खरी-खोटी सुना रहे हैं, जिसमें विधायक जी के पार्टी के सहयोगी दल बीजेपी भी शामिल है। अब देखना है कि पार्टी आलाकमान की तरफ से ऐसे नेताओं पर क्या कार्यवाही की जाती है।
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