लखनऊ : 2019 के चुनाव को लेकर बीजेपी की निगाहें यूपी पर टिकी हुई है, जहाँ से पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के 72 सांसदों ने जीत दर्ज़। वहीँ 2019 के चुनाव में बीजेपी ने सपा-बसपा गठबंधन की काट ढूंढने की भी कोशिश शुरू कर दी है। बीजेपी की नज़र अब सपा के मूल वोट बैंक पर है, जिसे बीजेपी अपने पाले में करना चाहती है और इसके लिए बीजेपी ने रणनीति बनानी भी शुरू कर दी है।
दरअसल पिछड़े वर्गों के तमाम जातियों के जातिवार सम्मेलन के बाद अब 15 सितंबर को बीजेपी यादव कार्यकर्ताओं का सम्मेलन करने जा रही है। माना जा रहा है कि बीजेपी इस कार्यक्रम के बहाने यादव समुदाय के लोगों का दिल जीतना चाहती है। बीजेपी ने यादव समुदाय से आने वाले अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को इस सम्मेलन के लिए खासतौर पर कहा है।
यादव समुदाय पर सपा की मजबूत पकड़ होने के चलते बीजेपी को बेहद कम वोट मिलता रहा है, जबकि उत्तर प्रदेश में करीब 8 फीसदी यादव वोट है और पिछड़ी जाति में लगभग 20 फीसदी हिस्सेदारी है। 2014 का आम चुनाव हो या फिर 2017 का विधानसभा चुनाव, आंकड़ों को देखा जाए तो यादव मतदाताओं की बड़ी आबादी ने सपा को वोट किया था। बीजेपी हो या बसपा को बहुत कम फीसदी वोट मिलता रहा है। प्रदेश के बदलते समीकरण में बीजेपी अब यादव समुदाय के लोगों को लुभाने की कोशिश कर रही है।
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