नई दिल्ली : राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गयी है. अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 17 जुलाई को होना है, जबकि मतगणना 22 जुलाई को होनी है. गौरतलब है कि अब तक न तो सत्ता पक्ष और न ही विपक्ष के द्वारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों का नाम फाइनल किया गया है, लेकिन इस मुद्दे को लेकर देश भर में राजनितिक कवायद तेज़ हो गयी है. इसी बीच अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव को लेकर बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने बड़ा बयान दिया है. हालाँकि कहने को शिवसेना बीजेपी की सहयोगी पार्टी है लेकिन अधिकांश मुद्दों पर शिवसेना की विचारधारा बीजेपी की विचारधारा से हटकर ही रही है.
दरअसल अगले राष्ट्रपति के लिए लगातार आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के नाम की वकालत कर रही शिवसेना ने कहा कि राष्ट्रपति भवन में ‘हिंदुत्व का रबर स्टांप’ होना चाहिए। भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी शिवसेना ने कहा कि देश को आज ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो इसके भविष्य को ‘हिंदू राष्ट्र’ के रूप में आकार दे सके और जो ‘राम मंदिर’ और ‘अनुच्छेद 370’ जैसे विषयों का हल निकाल सके।
पिछले दो राष्ट्रपति चुनावों में भाजपा से अलग रास्ता अपनाती रही शिवसेना ने कल कहा था कि वह राष्ट्रपति चुनाव में ‘स्वतंत्र’ रख अपना सकती है। पिछले राष्ट्रपति चुनाव में शिवसेना ने संप्रग के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया था। 2012 के इस चुनाव में भाजपा ने पी ए संगमा का समर्थन किया था।
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