एक साथ 150 नेताओं ने कांग्रेस से दिया इस्तीफ़ा, पार्टी में तेज़ हुई हलचल

नई दिल्ली : 2019 के चुनाव में बीजेपी को शिकस्त देने की रणनीति बनाने में जुटी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। 2019 के चुनाव से पहले इसी साल मध्य-प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा के चुनाव होने वाले है, जिसको लेकर पार्टी ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है, लेकिन मध्य-प्रदेश में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। यहाँ एक साथ करीब 150 नेताओं ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है।



एक साथ करीब 150 नेताओं ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफ़ा ऐसे वक्त में दिया है, जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी मध्य-प्रदेश के दौरे पर पहुँचने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक पांच कमेटियों के गठन में अपनी उपेक्षा से नाराज मंदसौर की पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन समेत करीब 150 से अधिक समर्थकों के इस्तीफे की खबरें आ रही हैं। नटराजन ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए मोबाइल फोन भी बंद कर लिया है। इससे उनके इस्तीफे की पुष्टि नहीं हो पा रही है। मीनाक्षी की नाराजगी का यह मामला भोपाल से लेकर दिल्ली तक पहुंच गया है।



दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश की पांच कमेटियों का गठन मंगलवार को किया था। इसमें दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुरेश पचौरी समेत कई दिग्गजों को शामिल किया था। समन्वय समिति में मीनाक्षी नटराजन को शामिल नहीं करते हुए मंदसौर से उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदी राजेंद्र सिंह गहलोत को शामिल कर लिया गया। मीनाक्षी को वाइस चेयरपर्सन बनाया गया है, जबकि नरेंद्र नाहटा को कन्वेनर बनाया गया है। इससे मीनाक्षी बेहद नाराज हो गईं। उनके नाराजगी की खबरें लिस्ट जारी होने के अगले दिन सुबह से आने लगी थी। दोपहर तक मंदसौर से जिले से करीब 150 से अधिक समर्थकों के इस्तीफे की भी खबरें आने लगी। साथ ही मंदसौर जिला कांग्रेस में पदस्थ उनके पांच पदाधिकारियों ने भी इस्तीफे दे दिए।



इससे एक दिन पहले कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष महेंद्र गुर्जर ने भी कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह गौतम को प्रदेश की समन्वय समिति में लेने पर विरोध जताया था और अपना इस्तीफा प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को भेज दिया था। जिला उपाध्यक्ष महेंद्र गुर्जर ने इस्तीफे के साथ लिखा था कि 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में मंदसौर ससदीय सीट से कांग्रेस की अधीकृत प्रत्याशी मीनाक्षी नटराजन के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने पर कांग्रेस से निष्कासित किया गया था। इतना ही नहीं 2013 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ प्रचार करने के बावजूद राजेंद्र सिंह गौतम को समन्वय समिति में सदस्य बनाया गया है। इससे कांग्रेस लगातार कमजोर हो रही है।



बता दें कि राहुल गांधी मंदसौर किसान आंदोलन में मारे गए किसानों की बरसी के दिन मंदसौर जिले में आ रहे हैं। उनकी यहां बड़ी सभा होने जा रही है। उनके दौरे से पहले कांग्रेस में बगावत को काफी अहम माना जा रहा है। इधर, जिला भाजपा के चेहरे खिले हुए नजर आ रहे हैं। वे कांग्रेस में हुई इस बगावत पर खुशी जाहिर कर रहे हैं। इधर, जिला कांग्रेस के पदाधिकारी गुरुवार को होने वाली मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा को लेकर उत्साहित हैं और तैयारी में जुटे हुए है।


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