लोकपति सिंह की रिपोर्ट :
चंदौली : जो सत्य बोलता है वह भगवान को भी प्रिय होता है। झूठ को भगवान कदापि नहीं पसन्द करते हैं। भागवत की कथा अति सौभाग्यपूर्ण होती है।जिसके श्रवण से ही मानव का उद्धार होता है। उक्त बातें खरौझा ग्रामसभा के हिनौती मौजा स्थित हनुमान मंदिर पर श्रीमद् भागवत कथा के पाचवीं निशा पर वृन्दावन से पधारे कथावाचक हनुमान दास जी ने कही।
उन्होंने कहा कि जिसका मन सध गया हो उसका जीवन सध गया। मन के सध जाने से साथ की इन्द्रियां निरन्तर बढ़ती है। नारायण की पूजा करने से मनुष्य को सब देवताओ के पूजा करने का फल मिल जाता है, क्योंकि नारायण सब देवता के समान होते है। भागवत का श्लोक शोक को दूर करने वाला होता हैं।कहा कि भक्त का जीवन बंशी के समान होता है। जिस प्रकार प्रेम की गाँठ नहीं होती है, उसी प्रकार भक्तों का जीवन बिल्कुल आर पार होता है, जो बंशी की तरह खाली है।
उन्होंने कहा कि इस दुनिया में एक माया ही ऐसी चीज है, जो किसी भक्त को भगवान से मिला देती है। मनुष्य के जीवन में धर्म का फल यही है जो कि परमात्मा की प्राप्ति कर ले। कथा के अंत में प्रभु श्रीकृष्ण और रूक्मणी जी के स्वरूप में बाल कलाकारों द्वारा निकाली गई झांकी में विवाह संपन्न हुआ। इस दौरान जैसे लग रहा था स्वर्ग से देवता स्वयं धरती पर आकर लीला कर रहे हो। कथा का शुभारम्भ वॄक्ष व॔धु परशुराम सिंह ने द्वीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान राधेश्याम द्विवेदी, आनन्द सागर, जय प्रकाश शर्मा, कार्तिकेय पाण्डेय, वकील पासवान, मुराहु यादव, झारखण्डेय विश्वकर्मा, प्रेम कुमार आदि श्रद्धालु उपस्थित थे।