अलीगढ़ (द्वारकेश बर्मन) : जनपद अलीगढ़ के एक स्थानीय नामचीन स्कूल के सभागार में आल इंडिया अर्टिस्ट ऐसोसीयेशन शिमला के तत्वावधान में दो दिवसीय नृत्य प्रतियोगिता एवं नृत्य महोत्सव का समापन हो गया। नृत्य प्रतियोगिता एवं नृत्य महोत्सव के आयोजन को स्थानीय तौर पर ऋद्धी सिद्धी क्रियेशन का सहयोग मिला।
दो दिवसीय इस नृत्य महोत्सव का शुभारंभ प्रथम दिन माँ शारदा व प्रभू नटराज की मूर्ती के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित कर एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपई एवं वारिष्ठ कलाकार व ए .आई .ए .ए के संस्थापक स्व. सुदर्शन गौर जी के चित्रपट पर पुष्प अर्पण कर किया गया।
इस अवसर पर रूपहले पर्दे के काल्पनिक ‘तिवारी जी’ असली ‘भाभी जी ‘का शुक्रिया अदा करते दिखे। जी हाँ, कार्यक्रम के सफल आयोजन के बाद आयोजक रोहिताश्व गौर ने भावुक हो एक वीडियो संदेश भेजा ओर आयोजन के अंतिम पलों में नम आखों से बोले ‘मुझे इस आयोजन को करवा कर आत्मसुख मिलता है। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं अपने पिता द्वारा शुरू किये गये अखिल भारतीय नाट्य और डांस के इस कार्यक्रम के आयोजन को सकुशल रुप से चला पा रहा हूं। यह मेरे पिता के स्नेह एवं आशिर्वाद के बिना संभव ही नही। साथ ही में अपनी अर्धांगनी रेखा गौड़ का भी अभारी हूं। बिना उनकी सहायता के यह सब संभव करना नही हो पाता।
दो दिवसीय ड़ांस फेस्टिवल में शहर व सूबे समेत अन्य राज्यों से आये तकरीबन 120 प्रतिभागियों समेत ए.आई. ए.ए के बुलावे पर भारी संख्या में पहुंचे आगंतुक कलाकारों ने क्लासिकल,सेमी क्लासिकल,फोल्क,हिप हाप,क्रम्पिंग,एम जे स्टाइल व बालिवुड स्टाइल पर अपनी प्रस्तुतियां दे आडिटोरीयम में बैठे हजारों की संख्या में दर्शकों को बर्बस ही दांतों तले उंगलियां चबाने पर मजबूर कर दिया।
गौरतलब है कि अलीगढ़ में एसा कार्यक्रम पहली बार आयोजित हुआ, जिसमें अलीगढ़ की प्रतिभाओं को एक बडा मंच मिला और यह मंच देने का कार्य आल इंडिया अर्टिस्ट एसोसिएशन ने ऋद्धी सिद्धी क्रियेशन के सहयोग से किया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारतीय नृत्य प्रतिभाओं को तराशने व एक बडा मुकाम दिलाने का।
उल्लेखनीय है कि ए.आई.ए.ए की स्थापना 1954 में सुविख्यात लेखक ,रंगकर्मी स्वर्गीय सुदर्शन गौड़ ने की थी। उनका उद्देश्य था कि अमेचर रंगकर्मियों को ऐसा मंच उपलब्ध कराना जहाँ कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रर्दशन व्यापक रूप से कर सके। इस संगठन में फिल्मी हस्तियों – बलराज साहनी , के0एन0सिंह , प्राण , मदन पूरी, ए0एन0अंसारी, ए0के0हंगल और भी अनेको हस्तियों ने भरपूर योगदान दिया। 63 वर्षो से ये वार्षिक प्रतियोगिता अनवरत चली आ रही है। सन 2016 में सुदर्शन गौड़ के देहावसान के बाद इस संगठन की बागडोर उनके होनहार सुपुत्र रोहिताश्व गौड़, जो राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक एवम फ़िल्म तथा टी0वी0के सुप्रसिद्ध स्टार व रेखा गौड़, सुदर्शन गौड़ की पुत्रवधू के हाथ में आई। अत्यन्त व्यस्त होने के बाद भी रोहिताश् इस संस्था को बहुत निष्ठा और अथक रूपः से चला रहे हैं।
ए.आई.ए.ए के बेनर तले ऋद्धी सिद्धी क्रियेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में जब कलाकार मंच पर अपनी प्रस्तुतियां देने आये तो दर्शकों ने उनका अभिवादन तालियों की पुरजोर करतल गाड़गड़ाहट और सीटियों की मधुर ध्वनि से किया। प्रतिभागियों की आपसी प्रतिस्पर्धा व कडी टक्कर के चलते दर्शकों व निर्णायक मंडल में बैठे हुए वारिष्ठजनों को अपना फैसला सुनाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। नोएडा से आई गोमती शंकर ने भरतनाट्यम पेश किया। दिल्ली से आईं गरिमा पिंडारकर ने सेमी क्लासिकल से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
स्थानीय कलाकारों के साथ साथ दिल्ली, नोएडा, कोटा व मथुरा से आये कलाकारों समेत विदेश से आये बलेरिया व जोर्दानो ने भी सभी को अपनी प्रस्तुतियों पर ताली बजाने को मजबूर कर दिया। इस कार्यक्रम में निर्णायक की भुमिका में नागपुर से आईं प्रतिभा और कोलकाता से आये कुशल ने भी कार्यक्रम को खूब सराहा।
कार्यक्रम में सोलो सब जूनियर में अपूर्वा व अर्शिया ने तृतिय स्थान, कृष्णा,मानवीर व विराज ने द्वितिय स्थान एवं धेर्य तिवारी व जिया ने प्रथम स्थान पाया तो वहीं सोलो जूनियर में तृतिय स्थान नमन मंडावरा द्वितिय पारुल शर्मा व प्रथम कमल कुमार की झोली में गया। सोलो सीनियर कटेगरी में प्रथम पुरस्कार हिमांशू सोनी व द्वितिय पुरस्कार हर्ष गोस्वामी एवं तृतिय पुरस्कार हर्श मित्तल ने झटका। सोलो ओपन में प्रथम पुरस्कार एम जे लोकेश एवं सोनिका तो द्वितिय नमन कामाख्या का रहा। ड़ूयेट जूनियर में प्रथम जानकी व श्रष्टी एवं ड़ूयेट ओपन में लोकेश एवं अपूर्वा प्रथम रहे। इसके साथ ही विदेश से आये कलाकारों जोर्दानो, बलेरिया एवं उनके पति शिवकुमार को विशेष सम्मान मिला।
आल इंडिया अर्टिस्ट ऐसोसीयेशन से आये नरेश सनातनी,एवं रेखा गौर ने कार्यक्रम को बुलंदी पर पहुचाने का कार्य किया और इनका साथ देने के लिये ड़ीवालीशीयस इलाईट इंडिया के नरेश मदान का भी कार्यक्रम को भरपूर सहयोग मिला। कार्यक्रम का कुशल संचालन कोटा से आये एंकर हेमंत व अलीगढ़ की स्थानिय एंकर प्रगती चौहान ने किया। इस आयोजन में ‘भाभी जी घर पर हैं’ में अपनी अदायकी से लोहा मनवा चुके टीवी व सिने जगत के मशहूर कलाकार रोहितश्रव गौर (तिवारी जी ) को भी शिरकत करनी थी किंतु शूटिंग की व्यस्त शेड्यूल के चलते वह इस कार्यक्रम में नही पहुंच सके। संभवत: अब वह कानपुर के आयोजन में अपने चाहने वालों से रू-ब-रू होंगें l
कार्यक्रम की आयोजिका और व्यवस्थापिका के साथ साथ मशहूर कलाकार रोहिताश्व गौड़, जो इन दिनो ‘भाभी जी घर पर हैं’ में अपनी अदायकी से लोहा मानवा रहे हैं, की धर्मपत्नी रेखा गौड़ ने कार्यक्रम की समाप्ती के दौरान अपने संबोधन में कहा कि मुझे इस आयोजन का दायित्व सौंपने के लिये रोहिताश्व गौड़ जी का कोटि-कोटि धन्यवाद। साथ ही वह बोलीं कि हमारी सफलता का श्रेय हमारी पूरी टीम को जाता है, क्यूंकी उनकी लगन, निष्ठां एवं कर्मठता के बिना इस आल इंडिया अर्टिस्ट ऐसोसीयेशन के डांस के आयोजन को सफल बनाना असंभव ही प्रतीत होता है। ए .आई .ए .ए का यह उत्तर प्रदेश में त्रितीय डांस फैस्टिवल था। संस्थान के आगामी कार्यक्रम नरोरा,लखनऊ,कानपुर व मथुरा में होने जा रहा है।
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