अजय सैनी की रिपोर्ट :
अलवर : मोदी सरकार द्वारा GST लागू किये जाने के बाद सरकार की तरफ से कहा गया था कि इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। GST लागू किये जाने के बाद किसी भी तरह की कंपनी, संस्था या फिर अन्य आमदनी के स्रोतों का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन अब भी लोगों द्वारा नियमों की अनदेखी बदस्तूर जारी है। ताज़ा मामला राजस्थान के जनपद अलवर का है, जहाँ के नयाबास चौराहे पर इस्थित मदर्स एजुकेशन के नाम से चल रहे एक निजी इंस्टिट्यूट बिना GST रजिस्ट्रेशन के धड़ल्ले से ऐड्मिशन कर रहा है। ऐसे कई इन्स्टिटूट है शहर में हैं, जो इसी तरह से छात्रों का एडमिशन ले रहे हैं। इस पर अभी तक प्रशासन की ओर से किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
बता दें कि इस इन्सिटूट के द्वारा दी जा रही बच्चों को रसीद पर कोई लोकल एड्रेस अंकित नहीं होता है और न हीं कोई लोकल दूरभाष नम्बर, न ही कोई रजिस्ट्रेशन नम्बर। उक्त रसीद के रूप में बस एक डेमो रसीद दे दी जाती है, वो भी सिर्फ़ बच्चे को संतुष्ट करने के लिए। बाक़ी इस तरह की रसीदें कोई मान्य नहीं होती। कहना गलत नहीं होगा कि इस तरह के फ़र्ज़ी इंस्टिट्यूट ही बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं, व पैसा ले कर रफूचक्कर जाते हैं। फिर बच्चे रिपोर्ट दर्ज करने के लिए पुलिस थानों के चक्कर लगाते-लगाते परेशान होते रहते हैं।
अतः ज़रुरी है कि समय रहते प्रशासन सबंधित विभाग को सूचित कर इस तरह के फ़र्ज़ी इंस्टिट्यूट पर तुरन्त कार्यवाही करने के निर्देश दे, ताकि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो ओर समाज में सकारातमक संदेश जाए।
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