रविंद्र ननाथ सिंह की रिपोर्ट :
गाजीपुर : बहु चर्चित घरिहां कांड में वांछित तत्कालीन एसआई सहित तीन पुलिस कर्मियों को शुक्रवार को सीजेएम ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। आरोप है कि कोर्ट से जमानत के बाद मुकदमे की सुनवाई के वक्त चार पुलिसकर्मी कोर्ट में पेश नहीं हो रहे थे। इसके चलते मुकदमे की कार्यवाही प्रभावित हो रही थी। तब कोर्ट ने उनके खिलाफ एनवीडब्ल्यू जारी किया। बावजूद वह कोर्ट आना जरूरी नहीं समझे। आखिर में वादी मुकदमा और छपरा विश्वविद्यालय के मौजूदा वाइस चांसलर प्रो.हरिकेश सिंह इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे। जहां आईजी वाराणसी से जवाब तलब किया गया। आईजी वाराणसी ने लिखित रूप से भरोसा दिया कि किसी भी दशा में तीनों पुलिसकर्मियों को सीजेएम कोर्ट में हाजिर कराया जाएगा। उसके बाद मरदह पुलिस हरकत में आई और तत्कालीन एसआई सुदामा यादव सहित सिपाही रामदुलार तथा धर्मदेव तिवारी को गुरुवार को गिरफ्तार कर सीजेएम कोर्ट में पेश की। कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 26 मई की तारीख मुकर्रर करते हुए उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया। एसएचओ मरदह संपूर्णानंद राय ने बताया कि चौथा वांछित सिपाही भीमसेन को भी बाद में गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे भी कोर्ट में पेश किया जाएगा। बता दें कि तत्कालीन एसआई सुदामा यादव तथा सिपाही रामदुलार रिटायर हो चुके हैं।
मालूम हो कि 14 अप्रैल 1999 को एक मामले में तत्कालीन एसओ मरदह एमए काजी मय फोर्स घरिहां गांव पहुंचे और हरिकेश सिंह के घर में जबरिया घुस कर परिवार की महिलाओं सहित सभी सदस्यों के साथ गाली-गलौज शुरू कर दी। सिंह के पिता व राष्ट्रपति पदक प्राप्त शिक्षक कुबेरनाथ सिंह ने आपत्ति जताई, तब एमए काजी और भड़क गए और मौके ही उनकी बर्बर पिटाई कर दी। पुलिस की इस ज्यादती की शिकायत हरिकेश सिंह ने ऊपर के अधिकारियों से की लेकिन कुछ नहीं हुआ।
उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से शिकायत की। उसके बाद मामला सीबीसीआईडी को सौंपा गया। सीबीसीआईडी ने अपनी जांच में तत्कालीन पुलिसकर्मियों को कसूरवार माना और 11 पुलिस कर्मियों सहित कुल 15 के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। सभी आरोपित कोर्ट में पेश होकर अपनी जमानत करवा ली। उसके बाद मुकमदे की कार्यवाही शुरू हुई लेकिन तत्कालीन एसआई सुदामा यादव के अलावा सिपाही रामदुलार, धर्मदेव तिवारी व भीमसेन किसी तारीख पर नहीं आए। एसएचओ मरदह ने बताया कि चौथे वांछित सिपाही भीमसेन को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे भी कोर्ट में पेश किया जाएगा। बताया जाता है कि आरोपित पुलिस कर्मियों में तीन की मौत भी हो चुकी है। फिलहाल न्याय पाने के लिए पीड़ित का संघर्ष जारी है।