नई दिल्ली : केंद्र के मोदी सरकार ने एक बार फिर एक बड़ा फैसला लिया है. मोदी सरकार के इस फैसले के दूरगामी असर देखने को मिलेंगे. सरकार ने 679 स्वायत्त (ऑटानमस) संस्थाओं की समीक्षा के पहले चरण में यह फैसला किया है।
समीक्षा के अंत में फैसला लिया गया कि इनमें से 42 संस्थाओं को या तो पूरी तरह बंद करके या फिर दूसरे संस्थानों में इनका विलय कर या कई संस्थानों का जोड़ बनाकर या कार्पोरेटाइजेशन करके उनकी स्वतंत्रता ‘खत्म’ की जाएगी। स्वतंत्र संस्थाओं की समीक्षा का काम राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान (नीति आयोग) और प्रधानमंत्री कार्यालय के अफसर कर रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार साल 2017-18 में केंद्र सरकार की ओर से 68 मंत्रालयों या विभागों के अंतर्गत आने वाली इन 679 संस्थाओं को 72,206 करोड़ रुपये का बजट मुहैया कराया गया। इसके साथ ही जिन 42 संस्थाओं को ‘खत्म’ किया जाएगा उनमें से 24 संस्थाओं को सोसाइटीज ऑफ रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत एक संस्था के तहत कर दिया जाएगा।
बाकी 11 स्वतंत्र संस्थाओं को दूसरे संस्थानों के तहत कर दिया जाएगा, तीन का ‘निगमीकरण’ होगा और 4 संस्थाओं को बंद कर दिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार इस माह के आखिर में नीति आयोग दूसरे चरण की समीक्षा शुरू करने के लिए बैठक करेगा। दूसरे चरण में भी सोसाइटीज ऑफ रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत निर्मित स्वतंत्र संस्थाओं की समीक्षा की जाएगी।
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