नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजनीति में राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लड़ाई लड़ रही कांग्रेस में असमंजस में है। एक तरफ वो बीजेपी से मुकाबला करने के लिए रणनीति तैयार कर रही है, वहीं दूसरी तरफ पार्टी आलाकमान द्वारा पार्टी की रीढ़ कहे जाने वाले नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। मामला गुजरात का है, जहां कांग्रेस ने चौकाने वाले फैसले में गुजरात कांग्रेस के कद्दावर नेता शंकर सिंह वाघेला को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। पार्टी आलाकमान की इस कार्यवाही से नाराज़ वाघेला ने राजनीति से सन्यास की घोषणा कर दी। गौरतलब है कि वाघेला काफी लंबे समय से पार्टी आलाकमान से नाराज़ चल रहे थे, साथ हीं खुद को गुजरात में कांग्रेस की तरफ से सीएम पद का प्रत्याशी घोषित करवाना चाहते थे, जिसको लेकर पार्टी में मतभेद चल रहा था।
बता दें कि शंकर सिंह वाघेला अपने जन्मदिन पर समर्थकों के बीच रैली में संभावित तौर पर खुद के नाम की घोषणा कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर करने वाले थे, पर पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। हालांकि उन्हें पार्टी से बाहर निकाले जाने के 24 घंटों तक किसी को कोई खबर नहीं हुई, खुद शंकर सिंह वाघेला ने ही कांग्रेस पार्टी से निकाले जाने की सूचना अपने समर्थकों को दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने मुझे जनसभा से 24 घंटे पहले ही पार्टी से निकाल दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस से निकाले जाने के साथ ही मैं अब सक्रिय राजनीति से संन्यास ले रहा हूं। उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
वाघेला ने कहा कि मेरी प्रस्तावित जनसभा से ही कांग्रेस डर गई थी, इसीलिए उसने मुझे पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया। शंकर सिंह वाघेला ने अपने समर्थकों से कहा,’कांग्रेस पार्टी ने मुझे 24 घंटे पहले ही पार्टी से निकाल दिया, ये सोच कर कि पता नहीं मैं क्या कहता। ‘विनाश काले, विपरीत बुद्धि”।
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