बेंगलुरु : जम्मू-कश्मीर के बाद अब भारत के एक और राज्य ने अपने लिए लग झंडे की मांग कर के नया राजनीतिक बखेड़ा शुरू कर दिया। आपको बता दें कि वर्तमान में सिर्फ जम्मू-कश्मीर के पास अपना अलग झंडा है, क्योंकि उसे विशेष राज्य का दर्ज़ा मिला हुआ है और वहां धारा 370 लगी हुई है। देश के किसी भी अन्य राज्यों के साथ ऐसे हालत नहीं हैं, बावजूद इसके कर्णाटक सरकार ने अलग झंडे की मांग कर देश-प्रेम और राष्ट्रीयता को लेकर जारी बहस को एक नया राजनीतिक आयाम दे दिया है, जिसपर आने वाले दिनों में घमासान बढ़ सकता है। आपको बता दें कि कर्णाटक में अभी कांग्रेस की सरकार है और सिद्धारमैया सीएम पद की कमान संभाल रहे हैं।
कर्णाटक सरकार का दावा है कि इस झंडे को कर्नाटक की खास पहचान के तौर पर देखा जाएगा। कॉन्स्टीट्यूशन एक्सपर्ट पीपी राव के मुताबिक- संविधान में अगल से झंडे का कोई प्रावधान नहीं है, यहां सिर्फ राष्ट्रध्वज हो सकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी सिद्धारमैया सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। बता दें कि, जम्मू-कश्मीर को छोड़कर देश के किसी भी राज्य के पास खुद का झंडा नहीं है। आर्टिकल 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को खास राज्य का दर्जा मिला हुआ है।
सिद्धारमैया ने कहा कि इस मुद्दे का चुनाव से कोई लेनादेना नहीं है। अगर बीजेपी विरोध कर रही है तो खुलकर कहें कि वो राज्य के झंडे के खिलाफ हैं? क्या संविधान में कहीं लिखा है कि राज्य खुद का झंडा (स्टेट फ्लैग) नहीं बना सकते? वहीं, कर्नाटक कांग्रेस के प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने कहा कि हमने इस मुद्दे पर राज्य सरकार से सफाई मांगी है। हम सबके पास सिर्फ एक झंडा है और वो राष्ट्रध्वज (तिरंगा) है।
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