नई दिल्ली : टीबी अवेयरनेस मंथ को मनाते हुए कॉज कनेक्ट ने फिर एक बार अपना समाज में योगदान दिया। हर बार कुछ नवीन शैली से काम को अंजाम देने वाली कॉज़ कनेक्ट की मेंटर डॉ कमल एस सक्सेना ने दिल्ली में सिथित पचकुइयन फर्नीचर मार्किट में एक टीबी पर अवेयरनेस ड्राइव आयोजित की।
डॉ सक्सेना पिछले दो दशक से भी अधिक समय से सामाजिक प्रोजेक्टों का सञ्चालन कर रही रही हैं और वह अनेको राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मानों से शोभित हैं। डॉ सक्सेना को दिव्यांगो के स्पेशल गारमेंट्स के लिए भारत सरकार के द्वारा टेक्नोलॉजी इनोवेशन अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
डॉ सक्सेना का नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में उनके कार्यो की अद्भुतता के लिए दो बार सूचिबद्ध है। डॉ सक्सेना ने बताया कि जब विज्ञान भवन में टीबी मुक्त शिखर सम्मेलन (End TB Summit) का उद्घाटन करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत से 2025 तक टीबी का उन्मूलन का लक्ष्य रखा तो वहे व्यक्तव्य उनकी प्रेरणा स्रोत बन गया। बात छोटी और सरल हो पर बड़ा प्रभाव डाल सके, इस अवरेनेस्स ड्राइव का मूल मंत्र बन गया।
कॉज कनेक्ट ने पचकुइयन फर्नीचर मार्किट से जुड़े रिक्शा चालकों एवं सामान उठने वालो को टीबी एवं उसके लक्षण के बारे में बड़े सरल शब्दों में अवगत कराया। इस अवसर पर उन्हें यह एहसास कराया गया कि टीबी एक संक्रामक रोग हैं और जब टीबी से पीड़ित व्यक्ति खांसते, छींकते अथवा थूकते हैं तो टीबी के कीटाणु हवा में फैल जाते हैं, जो स्वस्थ व्यक्ति को भी टी बी से ग्रसित कर सकता है।
टीबी असोसिअशन ऑफ़ इंडिया द्वारा छापे गए प्रचार पर्चे को भी इस अवसर पर बांटा गया। डॉ सक्सेना के इस प्रायस की सरहाना मीनाक्षी लेखी (सांसद, लोकसभा) ने अपने सन्देश के माध्यम से की। ” इधर उधर ना थूकें और दूसरे को भी मना करे” का संकल्प दिलाते हुए डॉ सक्सेना ने कहा कि यह एक अच्छी आदत टीबी के उन्मूलन में बड़ा योगदान दे सकती है। डॉ सक्सेना ने इस बात पर भी ज़ोर डाला कि टीबी लाइलाज नहीं है और इसका उपचार सभी सरकारी स्वाथ्य केंद्रों पर निशुल्क उपलब्ध है।