अमित गुप्ता की रिपोर्ट
दुद्धी सोनभद्र उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत इंटेंसिव ब्लॉक दुद्धी में शासन के निर्देशानुसार 5 दिसम्बर 18 दिन बुधवार को सुबह सवेरे पटना- सिंगरौली एक्सप्रेस से बिहार से 32 लाइवलीहुड सीआरपी (जीविकोपार्जन सामुदायिक सन्दर्भ व्यक्ति) ब्लॉक मुख्यालय दुद्धी पहुँचे थे एवं विभिन्न गाँवों में 15 दिनों तक प्रवास कर श्रीविधि से रबी फसल लगाने की गुड़ सिखाया।
स्थानीय ब्लॉक सभागर में बीएपी जय कुमार जोशी के अध्यक्षता में जीविका गया बिहार से दुद्धी आये हुए सभी 32 लाइवलीहुड सीआरपी एवं एनआरएलएम स्टाफ के साथ डीब्रीफिंग कार्यशाला की शुरुआत सुबह 10 बजे से हुई। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए बीडीओ श्री सिंह ने दुद्धि में श्रीविधि से रबी फसल लगाने की संभावनाओं पर प्रकाश डाले एवं ड्राईव पर कार्य करने वाले आए टीम से अनुभव एवं रिपोर्ट प्राप्त किये।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के ब्लॉक एंकर पर्सन जय कुमार जोशी ने बताया कि दुद्धी ब्लॉक का चयन महिला शशक्तिकरण परियोजना के संचालन के लिए सितम्बर 2016 को किया गया था। केन्द्र सरकार द्वारा संचालित महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा गठित स्वयं सहायता समूह की महिला किसानों को सुयोग्य किसानों के रूप में प्रमोट कर नई तकनीकी जानकारी से लैस करना है। जिससे कि उन्हें कृषि क्षेत्र में नवीन तकनीकी जानकारी हासिल हो। एमकेएसपी के अंतर्गत ब्लॉक दुद्धी में 40 गॉवों का चयन किया जा चुका है।, जिसमें कुल 2787 महिला किसान चिन्हित था जो पिछले खरीफ सीजन तक बढ़कर 3206 तक हो गया है। इस वर्ष से 10 अन्य नये गाँवों का चयन रबी सीजन की शुरुआत की गई है। हर वर्ष रबि एवं खरीफ सीजन के दौरान जीविका बिहार से लाइवलीहुड सीआरपी दुद्धी आकर जैविक खेती, श्रीविधी से धान एवं गेहूँ की खेती, जैविक खेती, जैविक खाद, जैविक दवाई आदि के बारे में प्रशिक्षित करती है। यह ड्राइव 5 दिसम्बर से 19 दिसम्बर 18 तक 15 दिनों का रहा है। इस दौरान 32 सदस्यीय दल 8 टीमों में विभक्त होकर 8 गॉवों में प्रवास किये एवं प्रत्येक टीम 6-7 गाँवों में चिन्हित महिला किसानों को जागरूक कर प्रशिक्षित किये एवं नये किसानों को भी इस मुहिम में जुड़ने के लिए प्रेरित किये।श्री जोशी के अनुसार ड्राईव के दौरान श्रीविधी से गेंहूँ की खेती लगाने, बीज शोधन करने, खेत तैयार होने पर गेंहूँ का खेत लगाने, नाडेप तैयार करने, वर्मीकम्पोस्ट पिट तैयार करने, जैविक कीटनाशक दवाइयां तैयार करने, किचन गार्डन लगाने, पोषण वाटिका लगाने, बोरा बगीचा लगाने, आदि जैसे कार्यों में मदद कर किसानों को जागरूक कर प्रेरित किये एवं प्रशिक्षित कर एमकेएसपी के उद्देश्यों को पूरा करने में मदद करने का काम किये। कृषि सखी के मदद से किसान पाठशाला का आयोजन कर फ्लिपचार्ट, ब्रेनस्टोर्मिंग, सफलता की कहानी सुनाकर आदि माध्यमों से उनकी सोच को मजबूत किये। टीम के हर सदस्यों को 8 से 10 सालों का इन क्षेत्रों का अनुभव है जिनका लाभ यहाँ के किसानों को अवश्य मिलेगा।उन्होंने बताया कि आज जिस गति से जनसंख्या में वृद्धि हो रही है ,उस गति से अनाज की पैदावार नहीं बढ़ रही है, जरूरत है कृषि की नवीनतम तकनीकी पद्यतियों को अपनाकर पैदावार बढ़ाने की। समूह की गरीब महिलाओं के पास समय तो होता है पर खेत कम होता है आवश्यकता है इस मुहिम से जुड़कर लाभ उठाने की। सीआरपी टीम शाम में सिंगरौली पटना एक्सप्रेस से गया बिहार के लिए वापसी हो गई।
कार्यशाला के दौरान बीएपी जय कुमार जोशी, पीआरपी जितेन्द्र कुमार, सीताराम कुमार, लाइवलीहुड पीआरपी उपेन्द्र कुमार, एडीओ(आईएसबी) विजय कुमार आदि मौजूद रहे।
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