*जितेन्द्र गौङ की रिपोर्ट*
उन्नाव ब्यूरो।ग्रामीण क्षेत्रों में मलमास माह में किए गए पुन्य के मंगलवार को शर्बत वितरण किया गया कर्मों का दो गुना लाभ मिलता है इसी परम्परा के चलते ज्येष्ठ मास के मंगलवार को जगह-जगह शर्बत वितरित किया गया।
लंका दहन के बाद हनुमानजी जब वापस रामादल पहुंचे तो उनका शरीर आग की ज्वालनता के कारण तप रहा था तब प्रभु श्रीराम जी ने उन्हें चित्रकूट में नदी के किनारे विश्राम करने के लिए कहा जिससे आग से तपे शरीर को शीतलता मिले मान्यता है कि इस मास में किया गया कोई भी पुर स्वार्थ बहुत ही फल दायी होता है।
प्राचीन धाम हनुमान मंदिर भिनकी पुर मंदिर प्रांगण में सुबह से ही भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा बलराम सिंह ने शर्बत वितरण किया वही चकलवंशी चौराहे पर राजेश चौरसिया,मेथीटीकुर,अटवा,बङी सिर्स,मवई बृम्हनान मिर्जापुर कला में लल्लन सिंह ने शर्बत वितरण किया जगह-जगह आने जाने वाले लोगों को रोक कर शीतलता प्रदान करने के लिए शर्बत वितरित किया गया।