रामकृष्ण पाण्डेय की रिपोर्ट
भदोही सीतामढ़ी। करीब पखवाड़े भर से पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दाम के चलते देश भर में हायतौबा मची हुई है। चौतरफा सरकार की किरकिरी हो रही है। विपक्ष को बढ़ा मुद्दा मिल गया है जिसे वह हाथ से नही जाने देना चाहता। शहर से गांव तक, खास से आम तक, अखबार/न्यूज़ चैनल से सोशल मीडिया तक, हर जगह इन दिनों पेट्रोल – डीजल सहित शुक्रवार को एलपीजी सिलेंडर के आसमान छूते दामों की चर्चा है। उपचुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी की हुई शिकस्त को भी जनता की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। आगामी वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा के आमचुनाव से पहले हुए उपचुनाव के परिणाम पर देश भर की नजरें टिकीं हुई थी। उपचुनाव को लोग सेमीफाइनल मानकर जनता के रुख पर नजरें गड़ाये हुए थे। परिणाम आते ही महागठबंधन यानी विपक्ष खेमा जहां गदगद नजर आ रहा है, वहीं भाजपा हार के कारणों की समीक्षा में जुट गई है। शुक्रवार को कोइरौना स्थित एक प्रतिष्ठान में आयोजित बैठक में कांग्रेस नेता व पार्टी के डीघ ब्लॉक अध्यक्ष श्रीधर मिश्रा ने कहा कि आमजनता एक तरफ पेट्रोल – डीजल के बढ़ते से परेशान है ऊपर से अब सरकार ने एलपीजी के दामों में भी बढ़ोत्तरी कर दोहरी मार दे दी है। वहीं एक पैसे व पांच पैसे पेट्रोल – डीजल के दाम घटाकर सरकार देश की जनता के साथ भद्दा मजाक करने व उपहास उड़ाने का काम कर रही है। जनता लच्छेदार व जुमले वाले भाषणों तथा कथनी – करनी में अंतर वाले भाजपा के चाल को समझ चुकी है। उपचुनाव में हार इस बात का सीधा संकेत है। बता दें कि बुधवार सुबह ऐलान किया गया था कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट के चलते भारतीय बाजार में आखिरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 60 पैसे की कमी की गई है। इसके कुछ घंटे बाद ही इंडियन ऑयल ने कहा कि टाइपिंग में हुई चूक के चलते 60 पैसे लिख दिया गया जबकि मात्र 1 पैसे की कटौती की गई है। वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दामों में गिरावट के बावजूद तेल केे दाम एक व पांच पैसे दाम घटाना जनता के घाव पर नमक छिड़कना है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान करीब 20 दिन तक पेट्रोल, डीजल के दाम स्थिर रहे। चुनाव बीतते ही पिछले 16 दिनों से लगातार तेल कीमतों में वृद्धि हुई और सरकार कहती है कि तेल के दाम अब आयल कंपनियां तय करती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बावजूद देश की जनता को कोई राहत नहीं दी जा रही है। ऊपर से अब सब्सिडी व गैर सब्सिडी वाले सिलेंडर के दामों में वृध्दि कर सरकार ने लोगों को दोहरी मार दे दी है।