प्रयागराज कुम्भ की एक और निराली छटा,”सांस्कृतिक कुम्भ”

प्रयागराज का कुम्भ मेला अब अपने समापन की ओर बढ़ चला है और 4 मार्च को महाशिवरात्रि के स्नान के साथ यह सम्पन्न हो जाएगा। लेकिन इस कुम्भ ने जहां एक ओर अपने अति व्यवस्थित आयोजन के साथ-साथ भव्यता, स्वच्छता और विराटता के नए प्रतिमान गढ़े हैं वहीं दूसरी तरफ़ इस कुम्भ ने स्नानार्थियों को हर दृष्टि से बेहतरीन सुविधा देने के लिए डिजिटल तकनीक और आधुनिकतम टेक्नोलॉजी के साथ बेहतरीन ताल मेल भी बिठाया है। लेकिन इसके साथ ही साथ यहां आने वाले स्नानार्थी अपनी भारत भूमि की सांस्कृतिक विरासत से भी बखूबी रु ब रु हो सकें इसके लिए कुम्भ में विशाल तथा भव्य सांस्कृतिक पांडालों के साथ साथ पूरी प्रयागनगरी में सांस्कृतिक इंद्रधनुष की छटा बिखरी पड़ी है।

कुम्भ मेले में तो जगह जगह पण्डालों में भक्ति भाव और सांस्कृतिक बयार बहने का माहौल बना ही हुआ है यहां अक्षय वट , ऋषि भारद्वाज, यमुना, गंगा, सरस्वती, प्रदर्शनी और समुद्र मंथन नाम से कुल छह विशाल और भव्य सांस्कृतिक पाण्डाल 6 अलग अलग सेक्टरों में बनाये गए हैं। मेले में आते और यहां से बाहर जाते श्रद्धालु भक्ति के साथ लोक संस्कृति के रस में भीगते रहें इसके लिए भी प्रशासन ने बहुत अच्छा प्रबन्ध कर रखा है। इस बार कुम्भ के प्रारम्भ से ही इलाहाबाद यानी प्रयागराज शहर के 20 चौराहों पर संस्कृति विभाग ने मंच लगाकर लोक कलाओं की अलग अलग विधाओं की रसधार बहा रखी है। चूंकि कुम्भ के चलते प्रयागनगरी में लोग देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी संगम स्नान के लिए आ रहे हैं ऐसे में इन मंचों से भजन, बिरहा, नौटंकी, नृत्य, कजरी, आल्हा, नाटक और अनेकानेक लोक कलाओं की मीठी फुहार उनके मन मस्तिष्क पर अलग ही असर डालती है और कुम्भ के लिए प्रयागनगरी के उनके आगमन के मज़े को दोबाला कर देती है। चूंकि यह कार्यक्रम सभी के लिए समान रूप से निःशुल्क खुले रहते हैं इसलिए नगरवासी भी इनका लुत्फ़ उठाने में कोई कसर नही छोड़ते।

कुम्भ क्षेत्र में बनाये गए विशाल सांस्कृतिक पण्डालों के साथ नगर के विभिन्न चौराहों पर तराई, अवध, बुंदेलखंड, पूर्वांचल, जनजातीय, रुहेलखंड, ब्रज क्षेत्र के लोक कलाकार अपनी लोक प्रतिभा से श्रद्धालुओं का भरपूर मनोरंजन कर रहे हैं। इनका कार्यक्रम पंडालों में दोपहर से देर रात तक चलता रहता है। शहर में यह सांस्कृतिक कार्यक्रम मेडिकल कॉलेज चौराहे के पास, गऊघाट, प्रयागराज बस स्टैंड के ठीक सामने,  विश्वविद्यालय तिराहा,  महिला डिग्री कॉलेज, दरभंगा चौराहे के कार्नर पर, झूंसी, बालसन चौराहे के निकट खाली स्थान पर, प्रयाग जंक्शन चौराहे के सामने खाली स्थान पर, नैनी ब्रिज इन्फॉरमेशन सेंटर, अक्षयवट व लेटे हुए हनुमान जी के मंदिर के निकट, लोक सेवा आयोग के पास, केपी इंटर कॉलेज के चौराहे पर, केपीयूसी, बल्लभाचार्य मोड़, केपी कॉलेज के पास, ट्रैफिक चौराहा और बहुगुणा चौराहा आदि स्थानों पर चल रहे हैं जहां यह सिलसिला शिवरात्रि के स्नान यानी 4 मार्च 2019 तक अनवरत चलता रहेगा।

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