पश्चिम चंपारण (लौरिया) : बैंक के ग्राहक और किसानों को केसीसी का नवीकरण समय-समय पर निश्चित रुप से कराते रहना चाहिए. नवीकरण कराने से फायदा के सिवाय नुकसान कहीं से नहीं है. आप समय-समय पर लेन-देन सही तरीके से करते हैं तो 5 वर्ष में करीब 50000 का फायदा किसानों को केसीसी से हो जाएगा. उक्त बातें स्थानीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक राकेश कुमार रमण ने बैंक परिसर में आयोजित किसान मिलन समारोह में कही.
शाखा प्रबंधक रमण ने किसानों को प्रोत्साहित करते हुए केसीसी का प्रतिवर्ष नवीकरण अर्थात रिन्यूअल कराने के फायदे व नुकसान पर प्रकाश डाला, साथ ही कृषि से संबंधित ऋण पर विस्तारपूर्वकबात की. उन्होंने बताया कि केसीसी के ऋण पर किसानों पर 7% ब्याज लगता है. यदि किसान अपने ऋण के खाते में समय-समय पर रुपया जमा करते हैं तो सरकार उन्हें 3% अनुदान देती है, तथा फसल बीमा भी 2%प्रतिशत मिलता है और बैंक भी उनके ऋण पर 10% का बढ़ोतरी करती है.
जहां ग्राहक को एक लाख के ऋण पर प्रतिवर्ष करीब 10000 का फायदा होता है, वही जो ग्राहक नवीकरण नहीं कराते हैं तथा रुपया निकालकर सो जाते हैं अर्थात बैंक का खाता एनपीए हो जाता है, उन्हें इस फायदा से तो हाथ धोना ही पड़ जाता है, साथ ही उन पर 11. 2% प्रतिशत ब्याज लगता है, तथा अनुदान से हाथ धोने के अलावा उन्हें अलग से 12200 का नुकसान भी सहना पड़ता है.
अतएव प्रत्येक वर्ष नवीकरण कराने के लिए ऋण वाले जमीन का तत्काल रशीद जमा कराने के साथ लेन-देन सुचारु रखने की शाखा प्रबंधक ने नसीहत दी. शाखा प्रबंधक रमण के साथ किसान ग्राहकों में राम वचन प्रसाद, मोहम्मद साहेब, कमलेश तिवारी, राजू यादव, नंद लाल यादव, अभिमन्यु सिंह, मुकर्रम हुसैन, रामानंद दास, बेचू राम सहित सैकड़ों लोगों ने भाग लिया.
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