तौक़ीर रज़ा की रिपोर्ट :
कटिहार: जिले में सरकारी अस्पतालों की गिरती स्वास्थ्य सेवा के कारण फर्जी डॉक्टरों की भरमार हो गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों की बात तो दूर, शहर में खुलेआम स्पेशलिस्ट का बोर्ड लगा कर फर्जी डॉक्टर प्रतिदिन मरीजों को चूना लगा रहे हैं। शहर में तो कुछ ऐसे फर्जी डॉक्टर हैं, जिनके पास कंपाउंडर की भी डिग्री नहीं है। इसके बाद भी वे बाल रोग विशेषज्ञ, चर्म रोग विशेषज्ञ, नाक, कान व गला रोग विशेषज्ञ, सर्जन व प्रसूता रोग विशेषज्ञ का बोर्ड लगा कर प्रैक्टिस कर रहे हैं। इन फर्जी डॉक्टरों की आड़ में कई फर्जी पैथोलॉजी सेंटर भी खुले आम चल रहे हैं। मामूली-सी बीमारी होने पर फर्जी डॉक्टर थोक के भाव में पैथोलॉजी जांच कराने के लिए मरीजों को लिख देते हैं।
दलालों के भरोसे चलती है फर्जी डॉक्टरों की प्रैक्टिस
जिले में जितने भी फर्जी डॉक्टर हैं, उनका प्रैक्टिस दलालों के भरोसे ही चलता है। बात करें हम कटिहार शहर से दूर बारसोई अनुमंडल क्षेत्र की तो आए दिन उन क्षेत्रों में नए नए क्लीनिक अस्पताल खुल रहे हैं। ऐसे में गरीब मरीजों का दोहन किया जा रहा है और कटिहार सिविल सर्जन मौन धारण किए हुए हैं। कार्यवाई के नाम पर महज खाना पूर्ति हो रही है। ऐसे में फर्जी डॉक्टर की चांदी कट रही है।
गौरतलब है कि फर्जी डॉक्टर दलाल किस्म के लोगों को एक मोटी रकम देते हैं, इसलिए ऐसे डॉक्टरों के क्लीनिकों पर मरीजों की कतार लगी रहती है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि इस कार्य में कुछ ‘आशा’ की भूमिका अहम नहीं है। देहाती क्षेत्रों से ये भोले-भाले मरीजों को फंसा कर लाती है, तथा मोटी कमाई के चक्कर में मरीज को फर्जी डॉक्टरों के पास पहुंचा देती हैं। बहुत से मामले ऐसे कई बार सामने आते हैं, जब ये फर्जी डॉक्टर कमाने के चक्कर में मरीजों की जान तक ले लेते हैं।
फर्जी डॉक्टरों की कमाई का एक तरीका अवैध तरीके से गर्भपात कराना है। इन फर्जी डॉक्टरों का पैक्ट अल्ट्रासांउड करनेवाले संचालकों से होता है। ये अल्ट्रासाउंड कराने के बाद लिंग की पहचान कर अवैध गर्भपात भी कराते हैं। आपको बता दें कि फर्जी डॉक्टर की संख्यां में शहरी क्षेत्रों के साथ साथ कटिहार जिले के कदवा,सालमारी,बारसोई,आजमनगर,इत्यादि इलाक़ों में बेतहाशा वृद्धि होती नजर आ रही है।
झोलाछाप डॉक्टर कर रहे लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़
गांवों तथा कस्बों में इन दिनों झोलाछाप डाक्टरों की भरमार लगी हुई है । इन फर्जी डॉक्टरों द्वारा मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है । गांव तथा कस्बों में बिना किसी डिग्री तथा रजिस्ट्रेशन के झोलाछाप डॉक्टर अपने क्लीनिक धड़ल्ले से चला रहे हैं, जिन पर विभाग की नजर नहीं पड़ती । जिसका खामियाजा आम जनमानस को अपनी जान गवा कर भुगतना पड़ता है।
अपनी क्लीनिक धड़ल्ले से चला रहा है
जिसके पास ना तो क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन है और ना ही कोई मेडिकल सर्टिफिकेट, फिर भी अपने आप को डॉक्टर बता कर लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहा है । क्लीनिक के साथ-साथ मेडिकल स्टोर पैथोलॉजी भी संचालित कर रहे हैं। जिस पर विभिन्न प्रकार की अवैध दवाएं बेची जाती हैं। यही नहीं यह फर्जी डॉक्टर अपनी क्लीनिक पर ही बिना किसी सर्जन के बुलाए ऑपरेशन भी कर देता है।
अब सवाल स्वास्थ्य विभाग पर खड़ा होता है कि आखिरकार विभाग इन फर्जी डॉक्टरों पर लगाम क्यों नहीं लगा रहा है । संदेह यह भी है कि कहीं उनके ऊपर विभागीय पनाह तो नहीं,स्वास्थ्य विभाग अगर आए दिन फर्जी डॉक्टरों फर्जी मेडिकल स्टोर फर्जी पैथोलॉजी के विरुद्ध छापा मारी करें तो ऐसे लोगों की काली कमाई पर रोक लगने के साथ साथ गरीब मरीजों की दोहन को रोका जा सकता है।
हद तो यह है कि स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन को इनकी भनक तक नहीं है कि क्षेत्र में फर्जी डॉक्टरों द्वारा कितने बिना पंजीकरण के क्लीनिक संचालित किए जा रहे हैं। यदि शीघ्र ही फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई तो इनकी संख्या बड़ी तादाद में बढ़ जाएगी और मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ होता रहेगा। स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन को उचित कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे आम जनमानस को फर्जी डॉक्टर के चुंगल में फंसे से बचाया जा सके।
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