नई दिल्ली : राम मंदिर को लेकर दशकों से जारी विवाद सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के साथ ख़त्म हो गया, जिसमें कोर्ट ने विवादित जमीन पर मंदिर निर्माण की मंजूरी प्रदान कर दी थी और मंदिर से दूर मस्जिद निर्माण की भी मंजूरी दी थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी कई लोग और संगठन राम मंदिर के अस्तित्व पर सवाल खड़े कर रहे थे, लेकिन राम मंदिर निर्माण के दौरान हुई ताज़ा खुदाई में जो सबूत मिले हैं, वो ये सिद्ध करते हैं कि विवादित जमीन पर राम मंदिर का अस्तित्व सदियों पुराना है, जो अब नए और भव्य रूप में दुनिया के सामने होगा।

दरअसल कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण का काम जारी है। देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच कुछ समय के लिए निर्माण कार्य को रोक दिया गया था, लेकिन अब एक बार फिर सिमित मजदूरों के साथ निर्माण कार्य को बहाल कर दिया गया है। निर्माण कार्य के क्रम में जब मंदिर परिसर के समतलीकरण का काम चल रहा था, तो खुदाई के दौरान देवी देवताओं की कई खंडित मूर्तियां मिली है। विश्व हिन्दू परिषद् ने इन मूर्तियों की तस्वीर जारी की है, जिसके बाद एक बार फिर ये सिद्ध हो गया है कि विवादित जमीन पर राम मंदिर का अस्तित्व सदियों पुराना है।
समतलीकरण के कार्य में अब तक खुदाई के दौरान मंदिर के अवशेष सहित विभिन्न कलाकृतियां, आमलक व विभिन्न प्रकार के पत्थर मिले हैं। इनमें देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प, कलश और शिवलिंग भी शामिल हैं। रामलला के पुराने गर्भगृह का समतलीकरण प्रारंभ है। 11 मई से प्रारंभ समतलीकरण कार्य में विभिन्न प्रकार के पुरातात्विक अवशेष प्राप्त हो रहे हैं। खुदाई के दौरान अब तक देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प, कलश, आमलक, दोरजाम्ब, विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां, मेहराब के पत्थर, 7 ब्लैक टच स्टोन के स्तंभ, 8 रेड सैंड स्टोन के स्तंभ, 5 फीट आकार की नक्काशी युक्त शिवलिंग की आकृति आदि पुरातात्विक वस्तुएं प्राप्त हुईं हैं। इन पुरातात्विक वस्तुओं को ट्रस्ट द्वारा संरक्षित किए जाने की भी योजना बन रही है।