संतोष कुमार शर्मा की रिपोर्ट
बलिया। बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर ने समाज के पीड़ित, उपेक्षित और दबे कुचले लोगों को हमेशा बराबरी का दर्जा दिलाने के लिये संघर्ष किया। उन्होंने संविधान के माध्यम से गरीब समाज को जो अधिकार और सम्मान दिया है। जिनके ऋण से हम कभी उऋण नहीं हो सकते। इसलिये हमे उन्हें देवता के रूप में आराधना करते हुए उनके आदर्शो पर चलकर उनके मिशन को पूरा करने का संकल्प लेना चाहिये। उपर्युक्त बाते क्षेत्र के नरनी गांव में आयोजित डा. भीमराव अम्बेडकर महोत्सव एवं बहुजन एकता सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए शनिवार को बीएचयू की प्रोफेसर डा. इन्दू चैधरी ने व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अंध विश्वास, ढपोरसंख वाद तथा रूढ़िवादी विचारधारा जिसमे लकीर का फकीर बनाकर लोगों को बाटने का काम किया गया। लोगों के साथ भेदभाव, घृणा, छुआछुत की भावना पैदा कर उन्हें दबाने का काम किया गया। ऐसी तमाम बाते है जिसका बाबा साहब ने जीवन पर्यन्त संघर्ष किया। कहा कि भगवान बुद्ध के संदेशों को आत्मसात करने वाले बाबा साहब ने हमे संविधान में जो अधिकार दिये है। उसे शत प्रतिशत लागू कराने के लिये संगठित व शिक्षित होकर संघर्ष का रास्ता अख्तियार करना होगा। विशिष्ठ अतिथि डा. अल्पना चैधरी ने कहा कि बाबा साहब दलितों ओर महिलाओं के मसीहा थे। जो सदा पूज्यमान बने रहेंगे। समारोह के दौरान विश्व महंत चंद्रवार धाम कपिलेश्वर महराज द्वारा अतिथियों को स्मृति चिन्हे प्रदान कर उनका सम्मान किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ बाबा साहब व भगवान बुद्ध के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। कार्यक्रम में डा. जितेंद्र प्रसाद, काशीनाथ, सैयद अंबर जफर, विजय शंकर यादव, बीरबल राम, मुन्नू राम, बंधू गोड़, मनोज भारती, राघवेंद्र कुमार, ओमप्रकाश, छात्रसंघ अध्यक्ष शारदा भारती, महेंद्र आदि ने भी विचार व्यक्त किया। संचालन सुग्रीव राम ने किया।
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