संतोष कुमार शर्मा की रिपोर्ट
बलिया: विकलांग शब्द को सुनते ही लोगो के मन में एक दया या सहानुभूति की भावनाएं बलवती हो आती है।बावजूद इसके समाज का एक तबका दिव्यांग जनों को हीन व उपेक्षित नजरों से देखता है। हालांकि इनकी प्रतिभा इनके शारिरीक अपंगता के आवरण से ढ़कती रही है। इस मिथक को समाप्त कर दिव्यांगो की पहचान उनकी प्रतिभा से हो इसलिए, इश्तेयाक अहमद मेमोरियल महाविद्यालय पिपरौली के प्रबंधक जावेद अहमद के तत्वावधान में दिव्यांग जागरूकता रैली निकाली गई। रैली में युवक / युवतियों ने सहभगिता की।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में प्रबंधक ने कहा कि समाज में हर वक्त दिव्यागजनं उपेक्षित किया जाता है, पर हमें इस अवधारणा को बदलना होगा। समाज को इन दिव्यांगो के प्रति अपने सोच को बदलना होगा। ये अति महत्वपूर्ण लोग हैं, जो हमें जीवन में तमाम मुश्किलों से लड़ते हुए भी साहस और खुशी के साथ जीने का पाठ सिखाते हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी में ‘डिसेब्लड’ शब्द की जगह इन्हे ‘डिफ्रेन्टली ऐब्लड’ कहा जा रहा है, जो कि काफी हद तक जीवन के प्रति इनके सोच को दर्शाता हैं। उदाहरण के तौर पर आई.ए.एस टॉपर दिव्यांग ईरा सिंघल के संघर्षो को बताया, कि किस तरह अपनी कड़ी मेहनत और बुलंद हौसलो को अपने दिव्यांग शरीर पर कभी हावी नहीं होने दिया और देश की सबसे कठिन परीक्षा में अव्वल रहीं। कहा कि इनकी मदद को हर सम्भव प्रयास करने का भी संकल्प लिया और कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को भी संकल्प दिलाया। कहा कि मदद छोटी या बड़ी नहीं होती मदद सिर्फ मदद होती है। कार्यक्रम में काफी संख्या में युवक युवतियों ने सहभागिता की। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मोइन खान, अनुप्रिया, संध्या, काजल, रानी, नीतू, रजनीश, मनीष यादव, विभूति नारायण, विक्रांत गुप्ता, तनवीर आलम, दीपक गुप्ता, अजय कुमार यादव, ज्ञान चन्द्र, राहुल यादव, उदय भानु आदि मौजूद रहें।
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