संतोष कुमार शर्मा की रिपोर्ट
बलिया।सिकन्दरपुर क्षेत्र के किसान धान की बेहन डालने के लिए पूरी शिद्दत से जुट गए हैं। वहीं नहर में पानी नहीं छोड़े जाने से किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। किसानों का कहना है कि धान की नर्सरी डालने का समय बीतता जा रहा है और नहर व सिंचाई विभाग संवेंदनहीन बना हुआ है। नहर झाड़-झंखाड़ से पट गई हैं, तो कहीं धूल उड़ रही है। कुछ स्थानों पर लोग नहर को पाट कर निजी उपयोग में ला रहे हैं। सबसे बुुरी स्थिति तो बस स्टेशन चौराहे से लेकर थाने के समीप तक है। जहां नहर के अगल बगल के निवासी नहर में अपने घरों का गंदा पानी गिरा रहे हैं, जिससे नहर नाला का रुप ले चुकी है। इस नहर में महीनों से पानी नहीं आया है। वहीं किसानों का कहना है कि धान की नर्सरी डालने का समय बीतता जा रहा है और नहर विभाग संवेदनहीन बना हुआ है। इससे किसानों को खेतों में पानी चलाने के लिए प्राइवेट ट्यूबेलों का सहारा लेना पड़ रहा है। इससे अनावश्यक आर्थिक बोझ किसानों पर बढ़ता जा रहा है। किसानों की मंशा को माने तो रोहिणी नक्षत्र में धान की नर्सरी डाल दिए जाने से धान की रोपाई समय से हो जाती है। यदि नहरों में पानी की आपूर्ति कर दी जाए तो किसानों को काफी सहूलियत मिल जायेगी। पानी के अभाव में गन्ना, हरी सब्जियों की खेती पर भी ग्रहण लग रहा है। जिससे किसानों की लागत भी नहीं निकल पाता है। क्षेत्र के किसानों के हित में अपनी संवेदनहीनता तोड़ किसानों के हित में नहरों में सुचारू रूप से पानी छोड़ने का काम करेगा।