नई दिल्ली : अमेरिका की नाराजगी के बावजूद एक बार फिर भारत और रूस ने अपनी वर्षों पुरानी मित्रता का सन्देश पूरी दुनिए को देते हुए डिफेन्स डील पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। दोनों देशों के बीच हुई शिखर वार्ता में 8 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। एस-400 सर्फेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम की डील समेत कई और महत्वपूर्ण समझौतों को दोनों देशों ने मिलकर हरी झंडी दिखा दी है। वहीँ समझौते के बाद अब दोनों देशों के सामने कुछ चुनौतयां भी है, जिससे इन्हें निपटना होगा।
दोनों देशों के बीच पैसों के हस्तांतरण को लेकर बड़ी चुनौती सामने खड़ी है। अमेरिका द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिसकी वजह से सौदे की 5.43 बिलियन डॉलर की राशि के हस्तांतरण को लेकर परेशानी बनी हुई है। बताया जा रहा है कि एस-400 का उत्पादन करने वाली कंपनी भी अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रही है। ऐसे में बेशक सौदे के लिए भारत को अमेरिका की तरफ से छूट मिल जाए लेकिन उत्पादन कंपनी पर लगे प्रतिबंध के कारण बैंकिंग लेन-देन में मुश्किलें आएंगी।
अमेरिका द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंध और भारत को लगातार अमेरिका से मिल रही चेतावनी के बावजूद इस सौदे पर मुहर लगने को अहम माना जा रहा है। एस-400 चीन और पाकिस्तानी सीमा पर भारतीय सेना की ताकत बढ़ाएगा। इस सौदे को इसलिए भी काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि चीन ने जनवरी में 6 एस-400 मिसाइल तैनात की थी। चीन और रूस के बीच 2014 में यह सौदा हुआ था।
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