नई दिल्ली : मध्य प्रदेश-राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के गठन के बाद राज्यों के मुख्यमंत्री पूरी तरह से एक्शन मोड में नज़र आ रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान किये गए वादों को निभाने में जुटी सरकार ने कुछ हीं घंटों में कई बड़े फैसलों पर अपनी मुहर लगा दी है। मध्य प्रदेश और छत्तसीगढ़ की सरकारों ने शपथ ग्रहण के कुछ घंटों बाद ही किसानों का कर्ज माफ कर दिया, जो कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का सबसे बड़ा वादा था।
शपथ लेने के तुरंत बाद मध्य-प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने किसानों की कर्जमाफी वाले फाइल पर साइन किया, जो कांग्रेस की सबसे बड़ा चुनावी वादा था। वहीँ छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी पदभार ग्रहण करते हीं किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान कर दिया।
कमलनाथ ने सोमवार शाम सबसे पहले किसानों के दो लाख रुपए तक के कर्ज माफ करने की फाइल पर हस्ताक्षर किए। किसानों के दो लाख की सीमा तक का 31 मार्च, 2018 की स्थिति में बकाया फसल ऋण माफ करने का आदेश जारी कर दिया गया। इस निर्णय से लगभग 34 लाख किसान लाभान्वित होंगे। फसल ऋण माफी पर संभावित व्यय 35 से 38 हजार करोड़ रुपये अनुमानित है।
मध्य प्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ की नव निर्वाचित कांग्रेस सरकार ने भी शपथ लेने के कुछ घंटों के अंदर ही सोमवार को किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान कर दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट किया, ‘पहली कैबिनेट मीटिंग के तीन बड़े फैसले- 1. 16 लाख 65 हजार से अधिक किसानों का 6100 करोड़ रुपए का कर्जा माफ। 2. धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपए प्रति क्विंटल किया गया। 3. झीरम हमले के शहीदों को न्याय दिलाने के लिए SIT का किया गठन।’
इसके अलावा एमपी के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कन्या विवाह और निकाह योजना में संशोधन कर कन्या की खुशहाली के लिए अनुदान राशि 28 हजार से बढ़ाकर 51 हजार कर दी। वहीं राज्य में निवेश की स्कीम में बदलाव किया गया है। अब 70% प्रदेश के लोगों को रोजगार देने पर ही उद्योगों को योजनाओ का लाभ मिलेगा।