उमेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट :
अमेठी : खंड 28 सिंचाई विभाग प्रथम के अंतर्गत खंड 28 से जुड़ी नहरों से निकली माइनरो अल्प गांव की वर्षों से सफाई नहीं करवाई गई है जिसके चलते नहरों का पानी किसानों के खेतों में उफनाकर भर जाता है और किसानों की धान की फसल पानी में जलमग्न हो रही है।शिकायत के बाद भी सिंचाई विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कुंभकरण की नींद सो रहे हैं।
कहने को तो सिंचाई विभाग द्वारा नहरों की देखरेख के लिए अधिशासी अधिकारियों तथा जूनियर इंजीनियरों की तैनाती की है। लेकिन कोई भी अधिकारी किसी अल्पिका तक कभी देखने तक नहीं पहुंचता है।नहरों में बड़ी-बड़ी घास झाड़ झंकार और बालू की सिल्ट जमा हो गई है।जो पानी के छोड़ते ही किसानों के खेतों में भर जाता है।सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियरों का यह आलम है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे तहसील में समाधान दिवस में भी इंजीनियरों की उपस्थिति कभी नहीं रहती।
किसानों द्वारा जब इसकी शिकायत करने का मन बनाया जाता है तो कोई भी अधिकारी उपस्थित नहीं रहता है।लिहाजा तिलोई के उप जिलाधिकारी महोदय से मजबूर होकर किसान अपनी शिकायत करते रहते हैं।अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करने के बजाय विभाग के अधिकारी राजधानी में निवास कर रहे हैं।नहरों की सफाई कागजों पर की जा रही है।
सिंचाई विभाग के द्वारा नहरों की देखरेख के लिए बनाई गई किसनो की समितियां भी महेज सफेद हाथी बनी हुई है।नहरों की सफाई की बाबत पूछे जाने पर एसडीओ सिंचाई विभाग ज्ञान चन्द ने कहा कि नहरों की सफाई के लिए डिमांड बनाकर भेज दी गई है।मालूम हो कि की उपलब्धता होते ही नहरों की सफाई करवाई जाएगी नहरों की देखरेख जिम्मेदार जूनियर इंजीनियर भी समय-समय पर पड़ताल करेंगे।