पटना : बिहार में महागठबंधन की सरकार में फुट नज़र आ रही है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जब से सीएम नीतीश कुमार ने NDA के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को अपना समर्थन दिया है, तभी से महागठबंधन में बयानबाज़ी का दौर जारी है। एक बार फिर महागठबंधन में जारी घमासान को लेकर नीतीश कुमार ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है।
नीतीश ने आरोप लगाया है कि रिश्तों में तनाव की वजह कांग्रेस है। नीतीश ने कहा है कि विपक्षी पार्टियों में फूट के लिए कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में भी कांग्रेस ने हमें भरोसे में नहीं लिया। नीतीश ने कहा कि हमारी छोटी से क्षेत्रीय पार्टी है इसलिए हम 2019 के रेस में नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सबको साथ लेकर नहीं चल रही है। नीतीश ने कहा कि संघ मुक्त भारत बिना पूरे विपक्ष को विश्वास में लिए नहीं फलीभूत हो सकता। कांग्रेस अकेले ही विपक्ष में दरार की जिम्मेदार है।
नीतीश ने कहा कि कांग्रेस की वजह से ही हम यूपी , असम में गठबंधन नहीं कर पाए और राष्ट्रपति चुनाव में भी हमें विश्वास में नहीं लिया गया। इससे पहले रविवार (2 जुलाई) को ही नीतीश ने कहा था कि हम किसी के पिछलग्गू नहीं हैं। जो होना होगा सो होगा। हमारा एक ही सिद्धांत है, हमारा सिद्धांत अटल है। कांग्रेस पर नीतीश ने कहा कि सिद्धांत हम नहीं आप तोड़ रहे हैं। लोहिया जी ने कांग्रेस को सरकारी गांधीवादी कहा था। नीतीश ने कहा कि कांग्रेस ने पहले गांधी और फिर नेहरू के सिद्धांतों को तिलांजलि दी। सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार कांग्रेस नेता गुलामनबी आजाद की टिप्पणी से नाराज है जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में नीतीश पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि कुछ लोग, विभिन्न विचारधाराओं वाले होते हैं।
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