नई दिल्ली : नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) को कल लोकसभा (Loksabha) में पेश किया गया, जिसके बाद लंबी बहस के बाद देर रात बिल लोकसभा से पास भी हो गया। इस बिल को लेकर लोकसभा में जबरदस्त हंगामा भी देखने को मिला और कांग्रेस (Congress) सहित तमाम विपक्षी दलों ने इस बिल का जमकर विरोध भी किया, लेकिन नंबर गेम पक्ष में रहने के कारण सरकार इस बिल को लोकसभा में पास करवाने में कामयाब रही, लेकिन इस बिल को राज्यसभा में पास करवाना मोदी सरकार (Modi Government) के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि राज्यसभा (Rajyasabha) में नंबर गेम बीजेपी (BJP) के पक्ष में नहीं नहीं है।
बात करें राज्यसभा की, तो राज्यसभा में सांसदों की कुल संख्या 240 है। बीजेपी को इस बिल को पास करवाने के लिए 121 सांसदों के समर्थन की जरुरत होगी। राज्यसभा में यूपीए (UPA) के 68 सांसद हैं और भाजपा-विरोधी दलों (Opposition) की संख्या 42 है। यानी विपक्षी खेमें में 110 सांसद हैं। फिलहाल एनडीए (NDA) के पास 116 सांसदों का समर्थन है, लेकिन शिवसेना (Shivsena) के रुख के कारण यहाँ बीजेपी का नंबर गेम बिगड़ सकता है। शिवसेना के राज्यसभा में 3 सांसद हैं और अगर शिवसेना बिल का समर्थन नहीं करती है, तो बीजेपी के पास महज़ 113 सांसदों का ही समर्थन रह जायेगा।
लेकिन YSR कांग्रेस, TRS और बीजू जनता दल (BJD) अगर बिल का समर्थन करते हैं, तो ये बिल राज्यसभा में भी पास हो सकता है। बता दें कि लोकसभा में बीजेपी के अलावा बीजेडी, एआइएडीएमके (AIADMK), अकाली दल SAD), शिवसेना, जेडीयू (JDU), वाईएसआर कांग्रेस (YSR Congress), एलजेपी (LJP) और आरपीआई (RPI) ने बिल के समर्थन में वोट किया था। बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 80 वोट पड़े। लोकसभा में समर्थन के गणित के लिहाज़ राज्यसभा में बीजेपी को 121 सांसदों का समर्थन मिल सकता है, लेकिन लोकसभा में बिल का समर्थन करने वाली शिवसेना ने राज्यसभा में बिल के समर्थन को लेकर पेंच फंसा दिया है।
वहीं धारा 370 पर बीजेपी के खिलाफ वोट करने वाली जदयू ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में मतदान किया, लेकिन इस फैसले को लेकर जदयू में बगावत देखने को मिल रही है। ऐसे में राज्यसभा में जदयू के रूख पर भी लोगों की निगाहें टिकी होगी। अगर शिवसेना और जदयू बिल के पक्ष में मतदान नहीं करती है, तो बीजेपी को फिर इस बिल को पास करवाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
बहरहाल, पूरी तस्वीर अब तभी साफ़ हो पायेगी, जब कल यानी बुधवार को राज्यसभा में इस बिल को पास किया जायेगा। लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी इस बिल को लेकर जोरदार हंगामा होने के आसार हैं। हालाँकि बीजेपी आलाकमान भी राज्यसभा में नंबर गेम को साधने में जुटी है। ऐसे में देखना ये होगा कि क्या मोदी सरकार इस बिल को भी दोनों सदनों से पास करवा पाती है या नहीं।
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