पुलिस भर्ती दौड़ में दोस्त की मदद करने आया मुन्ना भाई गिरफ्तार

 

सुनीता सिंह राजपूत की रिपोर्ट

गरियाबंद छत्तीसगढ़ अब तक विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में मुन्ना भाई के किस्से सुनने और देखने में आया है, लेकिन शारीरिक परीक्षा में मुन्ना भाई द्वारा दौड़ लगाने का पूरे प्रदेश में पहला मामला गरियाबंद में आया है। यहां पुलिस भर्ती दौड़ में दोस्त की मदद के चक्कर में एक अभ्यार्थी दो चीप लगाकर दौड़ लगाया। दोनों आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में हैं।

जिला मुख्यालय समेत पूरे प्रदेश में इन दिनों पुलिस में आरक्षक संवर्ग की भर्ती के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा चल रही है। इसी कड़़ी में 28 मई को सभी अभ्यार्थियों को दो टाइमिंग चीप  अपने पैरों में लगाकर दौड़ लगाना था। इसमें 79 अभ्यार्थियों ने 1500 मीटर लगाया। दौड़ पूरा होने के बाद अभ्यार्थियों द्वारा पैरों में लगाए गए चीपों का मिलान किया गया। जिसमें मैनपुर थानाक्षेत्र के ग्राम अचानमार निवासी परमेश्वर सिन्हा (23) के चेस्ट नंबर और उसके द्वारा पहने टाइमिंग चीप का मिलान नहीं हुआ। एडिशनल एसपी नेहा पाण्डेय ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया के तकनीकी टीम द्वारा पतासाजी की गई तो पता चला कि रनिंग बूथ नंबर 19 में कुल 79 अभ्यार्थी रनिंग किए थे। जिसमें से रोल नंबर 11244311351 चेस्ट नंबर 5206 परमेश्वर सिन्हा द्वारा दो टाइमिंग चीप पहने के बाद दो अतिरिक्त चीप चोरी करके अपने पास रख लिया। चोरी किए चीप को आरोपी ने अपने दोस्त धमतरी जिला के थाना बेलर बाहरा के ग्राम मेचका निवासी परमेश्वर गोड़ (23) रोल नंबर 11243311262 चेस्ट नंबर 5058 को दे दिया। परमेश्वर गोड़ ने अपने राजिस्ट्रीकृत टाइमिंग चीप कोड नंबर 2 एक्सएनकेएल4डीवी और 4 डब्ल्यूएमएएएफएक्स को अपने पैर में बांध लिया और अपने दोस्त द्वारा दिए चीप को कमर में बांधकर दौड़ लगाया। कमर में लगे चीप को टाइमिंग मैट रीड़ नहीं कर पाया। परमेश्वर सिन्हा द्वारा चोरी किए चीप का रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण टाइमिंग सिस्टम ने उसका परिणाम नहीं दिया। इस तरह 79 अभ्यार्थियों के परिणाम का मिलान करने पर एक अभ्यार्थी का परिणाम नहीं मिलने से छानबीन की गई, तो इस फर्जीवाड़ा पता चला। बहरहाल गरियाबंद पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 379,420,511 और 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार कर लिया है।

माना में दौड़ चुके है आरोपी

पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी परमेश्वर सिन्हा और परमेश्वर गोड़ आपस में दोस्त है। दोनों ने मैनपुर आईटीआई में एक साथ पढ़ाई की है। माना में आयोजित पुलिस भर्ती में 22 मई को दोनों आरोपी दौड़ भी लगा चुकें हैं। जहां परमेश्वर गोड़ ने  निर्धारित समय में दौड़ पूरा कर लिया था। वहीं परमेश्वर सिन्हा  दौड़ नहीं पाया था। इसमें भी इत्तेफाक रहा कि 28 मई को गरियाबंद में आयोजित पुलिस भर्ती दौड़ में दोनों का दौड़ एक साथ होना था। इसी का फायदा आरोपियों ने उठाया। परमेश्वर सिन्हा ने अपने साथी को चोरी किए गए चीप लगाकर दौड़ने के लिए उकसाया।

आरक्षक बनते रह गया परमेश्वर

परमेश्वर गोड़ का आरक्षक भर्ती में चयन लगभग तय था। उन्होंने माना में आयोजित शारीरिक दक्षता परीक्षा पास कर  ली थी। साथ ही उन्हें आरक्षण का लाभ भी मिलता। ऐसे में उसका आरक्षक बनना लगभग तय था,लेकिन इस फर्जीवाड़े ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

रिशवत देना भी अपराध

गरियाबंद एसपी एम आर आहिरे ने स्पष्ट किया है कि पुलिस भर्ती प्रक्रिया में रिश्वत देना भी अपराध है। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती के मद्देनजर इन दिनों दलाल सक्रिय हो गए हैं।   वे अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देकर अभ्यार्थियों को फंसाते हैं। साथ ही कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि कोई अभ्यार्थी जबरदस्ती रिश्वत देने की कोशिश करता है। ऐसे में रिश्वत देने  और लेने वाले दोनों को अपराधी माना जाएगा।

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