नई दिल्ली : सीबीआई विवाद मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए, जहाँ सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की छुट्टी को निरस्त कर दिया, वहीँ उन्हें दुबारा सीबीआई निदेशक के पद पर बहाल करने का आदेश जारी किया है। हालाँकि आलोक वर्मा द्वारा नीतिगत फैसले लेने पर कोर्ट ने रोक लगा रखी है। गौरतलब है कि सीबीआई निदेशक ने सरकार द्वारा उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। आज इस मामले में उन्हें 75 दिन बाद राहत मिली है।
फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के आदेश को रद्द करने के बाद आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद पर बहाल कर दिया है। अदालत का कहना है कि डीएसपीई अधिनियम के तहत उच्च शक्ति समिति एक हफ्ते के अंदर उनके मामले पर कार्रवाई करने का विचार करें। जब तक उच्च स्तरीय समिति आलोक वर्मा पर कोई फैसला ने ले वह कोई बड़ा फैसला नहीं ले सकते हैं।
अदालत ने यह भी कहा कि सरकार को आलोक वर्मा को हटाने के मामले को भारत के मुख्य न्यायाधीश, प्रधान मंत्री और विपक्ष के नेता वाली चयन समिति के पास भेजा जाना चाहिए था। बता दें कि वर्मा का सीबीआई मुखिया के तौर पर कार्यकाल 31 जनवरी को समाप्त हो रहा है।
वर्मा ने केंद्र सरकार द्वारा उनके अधिकार छीनने और जबरन छुट्टी पर भेजने के खिलाफ याचिका दायर की थी। सरकार ने वर्मा और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच विवाद सार्वजनिक होने के बाद यह कार्रवाई की थी। हालांकि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई आज छुट्टी पर थे इसलिए उनकी अनुपस्थिति में जस्टिस संजय किशन कौल ने फैसला पढ़ा।
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