नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस विपक्षी पार्टियों को एकजुट कर बीजेपी को चुनावों में शिकस्त देने की तैयारियों में जुटी है,लेकिन विपक्षी एकजुटता में वर्चस्व की दीवार बार-बार सामने आ रही है, जिसको लेकर विपक्षी एकजुटता का भविष्य खतरे में नजर आ रहा है। यूपी में सपा-बसपा ने साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया, वहीं गठबंधन से कांग्रेस को दरकिनार कर दिया गया। वहीं अब 19 जनवरी को कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की होने वाली रैली से पहले यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती ने दूरी बना ली है।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से ममता बनर्जी ने कांग्रेस मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह से दूरी बनाई उससे कांग्रेस आलाकमान खुश नहीं है। इस रैली के जरिए ममता बनर्जी अपनी ताकत बंगाल से लेकर दिल्ली तक दिखाना चाहती हैं। लेकिन इससे कांग्रेस की एक तरह से दूरी दिखाना इस पर कई सवाल खड़े कर रही है। इससे पहले बंगाल कांग्रेस के नेता भी नहीं चाहते थे कि राहुल या सोनिया इस रैली में शामिल हों। वह चाहते थे कि राहुल गांधी खुद अपनी रैली करें।
अब इस रैली से मायावती भी दूरी बना रही हैं। हालांकि अभी तक इसके कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। न ही ये पता चला है कि इस रैली में उनका कोई प्रतिनिधि शामिल होगा या नहीं। हालांकि ममता बनर्जी ने कहा है कि इस रैली में 20 विपक्षी नेता शामिल हो रहे हैं।
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