चन्द्रिका भास्कर की रिपोर्ट
सारंगढ़ छत्तीसगढ़ भले ही छत्तीसगढ़ सरकार विकास की बात कर रही हो लेकिन आज भी ऐसे ग्रामीण अंचल है जहां प्रशासन की नजर ही नही गई ।इस जला देने वाली भीषण गर्मी में ग्रामीण पानी के लिए तरस रहे है और उन्हें एक बूंद पानी भी नसीब नही हो रही है ।
दरसल सारंगढ विकासखण्ड के गांव छोटे खैरा की जनसंख्या तीन हजार से अधिक है और इस गांव में केवल निस्तारी को लेकर एक मात्र तालाब है जिससे हाजरो लोगो की निस्तारी होती है ।हालांकि इस गांव में और भी छोटे छोटे तालाब है लेकिन उन तालाबो का पानी गाढ़ा हो चुका है जिसमे निस्तारी करना मतलब बड़े भयंकर बीमारियों को नेवता देना है ।यहां के ग्रामीणों ने लगातार पंचायत से गुहार लगाई लेकिन पंचायत ने एक न सुनी और तालाब कचरों से लबालब हो गया ।जिससे गांव परीक्षेत्र में खतरनाक बीमारियों का दस्तक हो गया ।
इस मुसीबत से निजात पाने के लिए गांव वालों ने स्थानीय प्रशासन से भी गुहार लगाई लेकिन मैहीनो बीत जाने के बाद भी पंचायत और प्रशासन ने इस पर कोई पहल किया उल्टे आशवशन का पुलिंददा बांध दिया गया।अब छोटे खैरा के ग्रामीणों के पास कुछ विकल्प नही था और यहां एक सामाजिक तौर पर मीटिंग की गई और यहां के सतनामी समाझ के लोगो ने चंददा इक्कट्ठा कर एक मात्र तालाब की सफाई और गहरीकरण कार्य प्रारम्भ कर दिया।