द्वारकेश बर्मन की रिपोर्ट :
आगरा : आगरा में चल रहे ताज महोत्सव के पांचवे दिन शिल्पग्राम में सतरंगी रोशनी में डूबे मुक्ताकाशीय मंच पर पार्श्व गायक अल्ताफ राजा थे तो सामने की ओर दर्शक दीर्घा में युवाओं की बेतहाशा भीड़, जो उनके साथ सुर में सुर मिलाती और अल्ताफ के गीतों पर थिरकती रही। देर रात तकरीबन सवा दस बजे मंच पर स्मोग के बीच अपने चाहने वालों के सामने जब सुप्रसिद्ध गायक अल्ताफ राजा ब्लू जीन्स व लाल कोट में सामने आए तब उन्हें सुनने पहुंचे उनके फैंस व फॉलोवर्स ने अपनी तालियों की करतल ध्वनि से राजा का स्वागत किया वहीं पूरा पंडाल सीटियों से गूंज उठा।
‘तुम तो ठहरे परदेशी के साथ… अल्ताफ ने आवारा हवा का झौंका हूं…. इश्क और प्यार का मजा लीजिए…. पहले तो कभी कभी गम था…. तुमसे कितना प्यार है…. जैसे गीत गाए तो युवा एक के बाद एक फरमाइशें दोहराते रहे। अल्ताफ के कार्यक्रम में ताज महोत्सव में पिछले पांच दिनों से पसरे सन्नाटे के बादल पहली बार छट गए विगत दिनों से अब तक यह पहली बार था कि आगरा में चल रहे ताज मोहत्सव में देर रात तक भीड़ का जमावड़ा रहा और उनके चाहने वाले उनकी सुरमधुर आवाज पर थिरकते रहे।
अल्ताफ राजा ने शुरुआत पुलवामा हमले में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए की। उन्होंने कहा, दुश्मन की हर कोशिश को कर देंगे नाकाम, यह मत समझ लेना हम यूं ही बैठ जाएंगे।
पुलवामा हमले में शहीदों को श्रद्धांजलि के बाद अल्ताफ राजा ने अपनी फिल्मों के साथ अपनी एलबम के गीत गुनगुनाए। पुलवामा में जो शहीद हुए उन जवानों की कसम, भारत लेगा हर जवान का इंतकाम। उनकी सुमधुर आवाज में गीत ‘हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए..’ सुनाया तो दर्शक सीटियां बजाते हुए देशहभक्ति से लबरेज़ हो उठे और समूचा परिसर जय हिंद व वंदेमातरम के नारों से गूंजता नजर आया इतना ही नही ‘वन्स मोर’ की आवाजें पूरे शिल्पग्राम में गूंज उठीं।
जिसके बाद जब उन्होंने आवारा हवा का झोंका हूं, आ निकला हूं पल दो पल के लिए सुनाया..’ तो युवा साथ में गुनगुनाने लगे। उन्होंने गीत बड़ी मस्तानी है मेरी महबूबा.. और पर्दा है पर्दा, पर्दा है पर्दा.. सुनाए तो दर्शक झूम उठे। अगली प्रस्तुति उनकी ‘हम वो दीवाने हैं जो ताजा हवा लेते हैं, खिड़कियां खोल के मौसम का मजा लेते हैं..’ रही। बीच-बीच में वो शेर और शायरी से रंग जमाते रहे। दिल सच्चा और चेहरा झूठा.., ऐ मेरी जौहरा जबी.., देर न हो जाए, कहीं देर न हो जाए.. तुम तो ठहरे परदेसी.., हमें तो लूट लिया हुस्न वालों ने.. सुनाकर उन्होंने लोगों को झुमाया। देर रात तक उनके गीतों पर लोग झूमते रहे।
आपको बता दें कि वर्ष 1993 में उन्होंने अपना संगीत का सफर शुरू किया था और 2010 में टून पुर का सुपर हीरो फिल्म में गायिकी के बाद विश्राम ले लिया था। इसके बाद 2013 में घनचक्कर फिल्म में उनकी आवाज सुनाई दी। वह शपथ, यमराज, मदर, घनचक्कर जैसी फिल्मों में अभिनय भी कर चुके हैं।