पटना से शशि यादव की रिपोर्ट
सूबे की सुशासन सरकार के नाक के नीचे यानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास से महक कुछ किलोमीटर की दूरी पर खौफ की एक ऐसी घटना घटी है। जिसकी दहशत का आलम यह है कि घटना से डरे सहमे लोगो ने अपनी दुकानो, मकानों और घरों को बेचने के बाबत बाकायदा पोस्टर चिपका दिए है। लेकिन जब प्रशासन की नज़र इन पोस्टरों पर पड़ी तो जबरिया उन्हें फड़वा दिया गया और तमाम तरह से आश्वश्त किया गया कि उन्हें सुरक्षा मिलेगी। लेकिन अब भी हालत जस के तस बने हुए जरा सी आहट पर लोगो का सुकून गायब हो गया है। तकरीबन सैकड़ो परिवार अपने इसोपुर के घर मक़ान को छोड़कर अपने संबंधियों के घरों में रह रहे है।
इधर,तमाम प्रशासनिक चहलकदमी कर स्थिति को सामान्य करने की जुगत में भिड़ा है। इसका असर भी दिख जब मंगलवार को लोग अपने घरों से बाहर निकले और जरूरत के सामानों की खरीद दारी भी की। वही इस बाबत जोनल आईजी नैय्यर हसनैन खान का दावा है कि अब सब कुछ अंडर कंट्रोल है। कड़े प्रयासों के बाद हालात अब सुधर रहे हैं।
वही, तमाम सुरक्षा प्रबंध किये गए है ताकि जब तक बिगड़े हालात पूरी तरह सही नहीं हो जाते हैं। पूरे प्रभावित इलाके में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है।आईजी के अनुसार हर 24 घंटे पर एक एसपी की तैनाती प्रभावित एरिया के लिए की गई है। इनके साथ 10 डीएसपी भी लगातार इलाक़े कैंप कर रहे हैं।
वही शनिवार को हुए भिड़त के प्रभावित इलाके में 26 प्वाइंट पर एक मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। इलाके में पुलिस की 9 पेट्रोलिंग टीम लागतार लगातार गश्त कर रही है। रैपीड एक्शन फोर्स की एक बटालियन भी कैंप कर रही है। वही इसोपुर सहित पूरे प्रभावित इलाके में आम लोगो को सुरक्षित महसूस कराने की कवायद के तहत लागतार फ्लैग मार्च कराया जा रहा है।