विजय हज़ारे ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला कर्नाटक और सौराष्ट्र के बीच खेला गया। जिसमें मयंक अग्रवाल की शानदार बल्लेबाजी और गेंदबाजो की घातक गेंदबाजी के दम पर सौराष्ट्र को 41 रन से हरा कर्नाटक तीसरी बार इस टूर्नामेंट की चैंपियन बनी। तो आइये जानते है दिल्ली के फ़िरोज़ शाह कोटला मैदान में खेले गए इस फाइनल मैच का पूरा हाल। टॉस जीतकर सौराष्ट्र ने पहले फील्डिंग करने का फैसला किया। बल्लेबाजी करने उतरी कर्नाटक की शुरूआत खराब रही। कप्तान करुण नायर बिना कोई रन बनाए शौर्य सानंदिया की गेंद बोल्ड हो गए। लोकेश राहुल भी शून्य पर रन आउट हुए। लेकिन इसके बाद मयंक अग्रवाल और रविकुमार समर्थ ने 21.5 ओवर में तीसरे विकेट के लिए 135 रन जोड़े। ओपनर मयंक अग्रवाल ने 79 गेंदों पर 11 चौके ओर 3 छक्के लगा 90 रन की पारी खेली। मयंक अग्रवाल 90 रन बना धर्मेन्द्रसिंह जडेजा की गेंद पर जयदेव उनादकट को कैच दे बैठे। वही 48 रन बनाकर खेल रहे रविकुमार समर्थ को प्रेरक मांकड़ ने बोल्ड कर पवेलियन लौटाया। स्टुअर्ट बिन्नी भी 5 रन बना प्रेरक मांकड़ का शिकार बने। 28 गेंदों पर 31 रन बनाकर खेल रहे श्रेयास गोपाल रनआउट हुए। इज़के बाद कृष्णाप्पा गौथम 9 और श्रीनाथ अरविंद 13 रन बना कमलेश मकवाना का शिकार बने। इस बीच पवन देशपांडे ने 4 चौके और एक छक्का लगा 49 रन बनाए। 49 रन पर खेल रहे पवन को कमलेश मकवाना ने अपने ही गेंद पर कैच कर पवेलियन लौटाया। प्रसिद्ध कृष्णा भी बिना कोई रन बनाए कमलेश मकवाना की गेंद पर बोल्ड हुए। जबकि जबकि प्रदीप 1 रन बना नॉट आउट रहे। इस तरह कर्नाटक ने 45.5 ओवरों में 10 विकेट पर 253 रन बनाए। सौराष्ट्र के लिए सबसे ज्यादा कमलेश मकवाना ने 4 विकेट झटके। जबकि प्रेरक मांकड़ ने 2, शौर्य सानंदिया ने 1 और धर्मेंद्रसिंह जडेजा ने 1 विकेट चटकाए। जवाब में उतरी सौराष्ट्र ने 11 रन पर अपना पहला विकेट गवांया। ओपनर सामर्थ व्यास प्रसिद्ध कृष्णा की गेंद पर विकेटकीपर लोकेश राहुल को कैच कर पवैलियन लौटे। धर्मेंद्रसिंह जडेजा भी सिर्फ 1 रन बना प्रसिद्ध कृष्णा की गेंद पर बोल्ड हुए। इसके बाद अवि बरोत 30 रन बना स्टुअर्ट बिन्नी की गेंद पर श्रेयास गोपाल को कैच दे बैठे। स्टार खिलाड़ी रविंद्र जडेजा 15 रन बना पवन देशपांडे की गेंद पर सामर्थ को कैच दे कर चलते बने। जबकि प्रेरक मांकड़ और अर्पित वासवाद बिना कोई रन बनाए कृष्णाप्पा गौथम का शिकार बने। चिराग जानी 22 के स्कोर पर रन आउट हुए। जयदेव उनादकट भी बिना कोई रन बनाए कृष्णाप्पा गौथम की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हुए। 135 रन पर ही 8 विकेट गंवा देने के बाद चेतेश्वर पुजारा और कमलेश मकवाना ने नौवें विकेट के लिए 65 रन जोड़े। 127 गेंदों पर 10 चौके और एक छक्का लगा 94 रन बनाने के बाद चेतेश्वर पुजारा रन आउट हुए। चेतेश्वर पुजारा के रन आउट होने के साथ ही सौराष्ट्र की टीम फाइनल से भी लगभग आउट हुई। इसके बाद शौर्य सानंदिया को 7 के स्कोर पर प्रसिद्ध कृष्णा ने बोल्ड कर सौराष्ट्र का आखिरी विकेट झटका। जबकि कमलेश मकवाना 20 रन बना नॉट आउट रहे। इस तरह सौराष्ट्र की पूरी टीम 46.3 ओवरों में 212 रन पर ही सिमट गई और कर्नाटक ने ये फाइनल मुकाबला 41 रन से जीता। कर्नाटक के लिए सबसे ज्यादा कृष्णप्पा गौथम और प्रसिद्ध कृष्णा ने 3-3 विकेट झटके। जबकि स्टुअर्ट बिन्नी और पवन देशपांडे ने एक-एक विकेट चटकाए। 90 रन की शानदार पारी खेलने वाले कर्नाटक के ओपनर मयंक अग्रवाल “मैन ऑफ द मैच” बने।
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