नोएडा : नोएडा के एसएसपी पुलिसकर्मियों को कानून व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने के निर्देश देते रहते हैं, लेकिन इन निर्देशों का पुलिस पर कोई असर होता नज़र नहीं आ रहा है। बीते कुछ दिनों में मोबाइल फोन छीनकर फरार होने की घटनाओं की बाढ़ सी आ गयी है, लेकिन पुलिसिया कार्यवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब तक एक भी मोबाइल फ़ोन को पुलिस तलाश नहीं पायी है।
ताज़ा मामला फेज 3 थाना इलाके है, जहाँ कंपनी में काम कर वापस अपने घर आने के लिए फोर्टिस अस्पताल के पास खड़े होकर ऑटो का इंतज़ार कर रहे एक युवक से बाइक सवार बदमाशों ने झपट्टा मारकर फ़ोन छीन लिया और फरार हो गए। पीड़ित का नाम बिभाष झा है, जिसके हाथ से बदमाश oppo Realme pro 2 फ़ोन लेकर फरार हो गए।
वहीँ जब पीड़ित थाना फेज-3 में शिकायत करने पहुंचा, तो शिकायत की कॉपी लेकर एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे पर भटकता रहा। काफी मशक्कत के बाद जब एक पुलिसकर्मी के पास अपनी शिकायत कॉपी लेकर पहुंचा, तो पुलिसकर्मी ने पीड़ित को हीं डांटना शुरू कर दिया। पुलिसकर्मी ने कहा कि जब मोबाइल फ़ोन लेकर बदमाश भाग रहे थे, तब तुम क्या सो रहे थे ? तम जैसे युवा इतने लापरवाह हो, फिर देश का क्या होगा ? अंत में एक पुलिसकर्मी ने पीड़ित को गाली देते हुए उनके हाथ से शिकायत कॉपी ले ली और रिसीविंग तक भी नहीं दिया।
ऐसे में सवाल ये है कि जब शिकायत दर्ज़ करवाने में हीं इतनी मशक्कत करनी पड़ती है, तो शिकायत पर क्या कार्यवाही होगी ? इसका अंदाज़ा लगाया जा आसक्त है। दूसरा बड़ा सवाल ये कि क्या नोएडा की पुलिस तमीज और तहज़ीब भी भूल गयी है ? जिस पीड़ित को पुलिस से कम से कम सांत्वना मिलनी चाहिए और कार्यवाही का आश्वासन भी, उस पुलिस विभाग से पीड़ित को गाली मिल रही है। वैसे जिस तरह से अपराध के सौदागरों से पुलिस के सांठगांठ का हाल हीं में खुलासा हुआ है, तो ऐसे में पुलिस को पीड़ित में हीं अपराधी नज़र आये तो कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन है तो शर्मनाक हीं।