बालमुकुन्द रायक्वार की रिपोर्ट
झांसी जनपद के पूंछ थाना क्षेत्र के ग्राम सिकंदरा की समथर मोड़ पर चल रहे रतनगढ़ माता मंदिर को जाने वाले यात्रियों के लिए लगे हुए लंगर के आयोजन में आज सुबह बुंदेली मोनिया नृत्य के कलाकारों ने आकर कार्यक्रम में एक नया जोश नया रंग भर दिया दीपावली के अगले दिन परमा के दिन से ग्राम सिकंदरा में प्रति वर्ष सार्वजनिक लंगर का भव्य आयोजन किया जाता है इसी क्रम में इस वर्ष भी ग्राम के श्रद्धालुओं द्वारा ग्राम में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें मध्य प्रदेश के ग्राम मुस्तरा तहसील भांडेर जिला दतिया के मोनिया नृत्य कलाकारों ने आकर के अपनी कला का प्रदर्शन किया जिसमें अलग अलग मुद्राओं में दडाओ का टकराव एवं लाठी बाजी की प्राचीन कला लोगो को देखने को मिली इसके साथ ही नृत्य की टोली में दशरथ सिंह राजपूत बनवाली गुलचाई पर्वत सिंह घनश्याम मातादीन खुशी राम मास्टर बनवाली बेहरूपिया देव सिंह आदि ने अपनी अपनी कला का हुनर दिखाया इसके साथ ही जानकारी देते हुए बताया की मोनिया नृत्य द्वापर युग से चला आ रहा है मोनिया नृत्य जोकि भगवान कृष्ण के रूप में स्वयं नारायण ने चरवाहा का रूप धर विविध प्रकार के स्वांग रचा कर उस समय इस परंपरा की न्यू डाली थी जोकि आज भी प्रचलन में है मोनिया नृत्य में सम्मिलित लोग विजयदशमी से मौन धारण करके दीपावली की परमा के दिन तक मौन व्रत कर विभिन्न देवी-देवताओं के दर्शन करते हैं इसके साथ ही जगह-जगह घूम घूम कर अपने करतब दिखाते जो भी इस व्रत को संकल्प लेकर करता है उसको 12 वर्ष तक इसको निभाना पड़ता है उसके बाद मथुरा जाकर के अपने दडो को विसर्जित करना पड़ता है इस दौरान कार्यक्रम के कार्यकर्ता एवं सैकड़ों दर्शक मौजूद रहे।