सोनू सिंह की रिपोर्ट
आगरा,उत्तर प्रदेश। एक बार फिर समाज के सबसे अंतिम पायदान के व्यक्ति को उसका दिलाने की लड़ाई शुरू हो गई है। यह लड़ाई कोई और नहीं बल्कि शहर के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता, चाइल्ड एक्टिविस्ट व महफूज संस्था के कॉर्डिनेटर नरेश पारस लड़ रहे हैं।
आगरा बेसिक शिक्षा अधिकारी के ऑफिस के पास करीब 40 साल से करीब 35- 40 परिवार झुग्गी झोपड़ी बनाकर निवास कर रहे हैं। इतना समय बीत जाने के बाद भी किसी भी तरह की मूलभूत सुविधाऐं, सरकारी सुविधा, आधार कार्ड, राशन कार्ड आदि नहीं बने हैं और बच्चे भी स्कूल नहीं जाते साथ ही साथ इनको प्रशासन द्वारा जगह खाली करने के साथ धमकाया भी जाता है और कहा जाता है कि अपनी झुग्गी झोपड़ी छोड़ कर चले जाओ नहीं तो तुम्हारे घरों पर बुलडोजर चला देंगे। झुग्गी झोपड़ी वालों की समस्या को देख कर सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने इन लोगों की मदद के रूप में उनके बच्चों को डाइट परिसर स्थित स्कूल में दाखिला करा दिया था उन्हीं की निगरानी में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं एवं और भी बहुत से सांस्कृतिक कार्य सीख कर बड़े मंचों पर अपनी प्रस्तुतियां दे रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस ने बताया इन लोगों के पूर्वज फैजाबाद अयोध्या के रुदौली कस्बे से पलायन करके 40 साल पहले आगरा आए थे तभी से यह लोग यहां झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं उन्होंने बताया पुलिस का खुफिया विभाग भी इन लोगों की कई बार जांच करा चुका है एवं समुदाय का मुख्य कार्य घरों और दुकानों पर नींबू मिर्च बांधना है। आज इसी संबंध में नरेश पारस ने आगरा डीएम को झुग्गी वालों को साथ लेकर एक ज्ञापन सौंपा जिसमें उन्होंने मांग की है कि प्रशासन इन लोगों की हालत देखकर सरकार द्वारा चलाई जा रही सरकारी योजनाओं में लाभ दिलाए जिससे यह लोग अपना और अपने बच्चों का जीवन यापन अच्छी तरह से कर सकें। जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में एसीएम द्वितीय आगरा ने ज्ञापन लिया और इन लोगों को आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द जांच कराकर इन लोगों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।