भारतीय का अनूठा कारनामा, ट्रेन को 1400 किलोमीटर की दुरी तय करने में लग गए 4 साल

नई दिल्ली : भारतीय रेल के कई किस्से आपने अब तक सुने होंगे। ट्रेन की लेट-लतीफी को लेकर भी कई ख़बरें देखने और सुनने को मिली होगी, लेकिन इस बार कुछ ऐसा हुआ है, जिस पर यकीन करना भी मुश्किल है, लेकिन ये हकीकत है। जी हाँ, एक मालगाड़ी को विशाखापत्तनम से बस्ती पहुंचने में करीब चार साल लग गए। इस दौरान रेलवे को भी ये खबर नहीं थी कि मालगाड़ी है कहाँ।


दरअसल 2014 में एक मालगाड़ी रवाना तो हुई, लेकिन वह बीच रास्ते में कहीं गायब हो गई। वहीं, इस मामले पर रेलवे का कहना है कि ‘जब कोई वैगन या बोगी जर्जर हो जाती है तो उसे यार्ड में भेज दिया जाता है, कुछ ऐसा ही इस ट्रेन के साथ भी हुआ होगा। हालांकि स्पष्ट रूप से कुछ बोलने के लिए अधिकारी भी बच रहे हैं। बता दें कि विशाखापत्तनम से बस्ती तक की दूरी लगभग 1400 किलोमीटर है।


जानकारी के मुताबिक, इस मालगाड़ी में लगभग 10 लाख रुपये का सामान था, लेकिन उसका मालिक कौन है और ये ट्रेन यहां पर कैसे पहुंची ? इसको लेकर हर कोई हैरान था। गाड़ी के स्टेशन पहुंचने के बाद संबंधित रेलवे अधिकारी को सूचित किया गया। जब मालगाड़ी की तलाशी ली गई तो पता चला कि उसमें खाद है। हालांकि लगभग 50 फीसदी से ज्यादा खाद खराब हो चुकी थी। खाद की दशा खराब होने के बाद भी इंडियन पोटाश लि. इसपर दावेदारी कर रही है।


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