शिवपाल यादव ने मुलायम को उनके जन्मदिन पर दिया ये ख़ास तोहफा

लखनऊ : उत्तर-प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, सपा के पूर्व प्रमुख और वर्तमान में सपा संरक्षक, मुलायम सिंह यादव आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। मुलायम को उनके जन्मदिन पर उनके छोटे भाई शिवपाल यादव ने बड़ा तोहफा दिया है। मुलायम के जन्मदिन पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया द्वारा सैफई में आज विराट दंगल का आयोजन किया गया है। दंगल में भाग लेने के लिए बड़ी तादात में पहलवान पहुंचे हैं। दंगल की सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं।



बता दें कि सैफई के मास्टर चंदगीराम स्टेडियम में आयोजित होने वाला यह दंगल साल 1986 से शुरू हुआ था। दंगल की शुरुआत समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अपने गुरु स्वर्गीय नत्थू सिंह यादव की स्मृति में आयोजित की थी। दंगल की शुरुआत 3 नवंबर 1985 को हुई थी, लेकिन उसी दिन मुलायम सिंह के राजनीतिक गुरु स्वर्गीय नत्थू सिंह का निधन हो गया। जिस वजह से दंगल स्वर्गीय नत्थू सिंह की याद में किया जाने लगा।

पहले यह दंगल शिवरात्रि के दिन सैफई में आयोजित किया जाता था। जिसमें पूरे देश के नामी पहलवान पहुंचते थे। बाद में दंगल को सैफई महोत्सव में आयोजित किया जाने लगा। जिसमें नामी पहलवानों ने मल्ल कला का प्रदर्शन किया। समाजवादी पार्टी की सरकार जाने के बाद पिछले साल महोत्सव न लग पाने के कारण दंगल का आयोजन भी बंद कर दिया गया, लेकिन शिवपाल सिंह यादव ने नेता जी के पसंदीदा खेल कुश्ती को उनके जन्मदिन पर आयोजित करके मुलायम सिंह यादव को जन्मदिन का खास तोहफा दिया है।



इस दंगल में हजारों की संख्या में भीड़ आने की उम्मीद है, क्योंकि पिछले 15 दिन से दंगल का खूब जोर-शोर से प्रचार प्रसार किया जा रहा है। मुलायम सिंह यादव की पसंद होने के बाद इस कला को पसंद करने वाले काफी लोग हैं। उम्मीद की जा रही है हजारों की संख्या में भीड़ से सैफई पहुंचेगी। सैफई में विराट दंगल में अपनी मल्ल कला का प्रदर्शन करने के लिए कई जिलों की लगभग 20 महिला पहलवान भी सैफई आ चुकी हैं। सैफई में आयोजित दंगल में पूर्व में भी महिला पहलवान अपना प्रदर्शन दिखा चुकी हैं।


About Kanhaiya Krishna

Check Also

पाकिस्तानी आतंकी बाबर भाई मुठभेड़ में ढेर, 4 साल से था घाटी में एक्टिव

पाकिस्तानी आतंकी बाबर भाई मुठभेड़ में ढेर, 4 साल से था घाटी में एक्टिव

पाकिस्तानी आतंकी बाबर भाई मुठभेड़ में ढेर, 4 साल से था घाटी में एक्टिव जम्मू-कश्मीर …

करतारपुर कॉरिडोर

74 साल बाद करतारपुर कॉरिडोर के जरिए मिले दो भाई, बंटवारे ने किया था अलग

1947 में जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो मोहम्मद सिद्दीक नवजात थे। उनका …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *