अजय कुमार विद्यार्थी की रिपोर्ट :
भरतपुर (राजस्थान) : जिले में लोकसभा आमचुनाव 2019 के दौरान चुनाव संबंधी प्रचार प्रसार राजनैतिक पार्टियों के प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों द्वारा बैठकें आयोजित करने, जुलूस निकालते समय ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किये जाने की संभावना को देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट डाॅ. आरूषि अजेय मलिक ने राजस्थान कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1963 की धारा 5 में प्रदत्त शक्तियों के तहत ध्वनि नियंत्रण के संबंध में प्रभावी आदेश जारी कर दिये हैं।
आदेशानुसार विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों द्वारा जीप, कार, तिपहिया वाहन, बाइक, साईकिल, रिक्शा, टैम्पो आदि पर ध्वनि विस्तारक यंत्र लगाकर गली मौहल्लों में तेज ध्वनि में प्रातः से देर रात तक प्रचार-प्रसार करने के कारण विद्यार्थियों के अध्ययन, बीमार व्यक्तियों एवं जन साधारण को असुविधा होने के कारण ध्वनि विस्तार यंत्रों के प्रयोग पर समय सीमा निर्धारित कर दी गयी है। आदेशों के तहत ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग रात्रि 10 से प्रातः 6 बजे तक की अवधि में पूर्णतः वर्जित रहेगा।
ध्वनि विस्तारक यंत्रों, उपकरणों एवं एम्पलीफायर (जिसमें वाहन के एयर प्रैशन हाॅर्न भी शामिल हैं) का उपयोग संबंधित क्षेत्र के उपखण्ड मजिस्ट्रेट की लिखित अनुमति लेने के पश्चात् ही प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही उपयोग किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि धार्मिक आयोजन, त्यौहारों, विवाह समारोह आदि के अवसर पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग धीमी गति से करने की छूट रहेगी। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान भरतपुर की सीमाओं से 500 मीटर की परधि में साइलेंस जोन घोषित होने के कारण ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर पूर्णंतः पाबंदी रहेगी। यह प्रतिबंधात्मक आदेश 11 मार्च की मध्य रात्रि से 25 मई की मध्य रात्रि 12 बजे तक प्रभावी रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन किसी व्यक्ति या संस्थान द्वारा किये जाने की स्थिति में अधिनियम की धारा 6 के तहत दण्डनीय अपराध मानते हुए कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।