राजू शर्मा की रिपोर्ट
पश्चिमी चंपारण : स्थानीय मझौलिया शिव मंदिर, राजघाट शिव मंदिर एवं मझौलिया प्रखंड क्षेत्र के भिन्न-भिन्न शिव मंदिरों में महाशिवरात्रि पर्व को लेकर तैयारियां जोर शोर से चल रही है। अधिकांश शिवालय में रंग रोगन का काम चल रहा है। शिवालय को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। पर्व को लेकर शिव भक्तों में काफी उत्साह एवं जोश देखने को मिल रही है। कहां जाता है कि भगवान शिव की पूजा अर्चना सच्चे मन से जो करते हैं। उनकी हर मनोकामना पूरी होती है ।
पंडित उमेश तिवारी ने बताया कि महाशिवरात्रि देश का सबसे प्रमुख त्योहार माना जाता है । फागुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है। इस साल या महाशिवरात्रि 4 मार्च 2019 को है । इस साल यह शिवरात्रि सोमवार को है। सोमवार का स्वामी चंद्रमा है ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को सोम कहा गया है। और भगवान शिव को सोमनाथ कहा जाता है ।
सोमवार को महाशिवरात्रि का होना बहुत ही शुभ माना गया है । सोमवार को शिव भगवान की पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं । देश विदेश में शिव भक्तों की ओर से यह तैयार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। पौराणिक कथाओ और मान्यताओं की माने तो महाशिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि में भगवान शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। पहली बार शिवलिंग की पूजा भगवान विष्णु और ब्रह्मा जी के द्वारा की गई थी। कई जगहों पर यह पर्व महाशिवरात्रि शिव पार्वती के विवाह के दिन के रूप में मनाया जाता है ।
बताते चलें कि अपने राशि के अनुसार भगवान शिव का मंत्र जपने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं । वे कभी भी अपने भक्तों को अनदेखा नहीं करते केवल यही नहीं बल्कि भगवान शिव की पूजा देवता भी करते हैं ।इसी वजह से इन्हें देवों का देव महादेव कहा जाता है ।