वराणसी : केंद्र की मोदी सरकार या यूपी की योगी सरकार भ्रष्टाचार से निपटने के लाख उपाय क्यों न कर लें, लेकिन हकीकत ये है कि भ्रष्टाचार ने भारतीय समाज में गहरी पैठ बना रखी है, जिसे खत्म कर पाना इतना आसान नहीं होगा. बहरहाल बात अगर यूपी की करें तो यहाँ सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के मामले आये दिन सामने आते रहते हैं. ताज़ा मामला RTO का है, जिसमें कार्यरत एक अरबपति अधिकारी के काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा खुलकर सामने आने के बाद विभाग में हडकंप मचा हुआ है.
दरअसल चंदौली में नेशनल हाईवे-2 पर ओवरलोड ट्रकों से वसूली करते सीओ सदर त्रिपुरारी पांडे ने एआरटीओ आरएस यादव के चालक सिपाही और दो प्राइवेट व्यक्तियों को अवैध वसूली करते पकड़ा। पकड़ा गया आरोपी ARTO, सिपाही शिव बहादुर यादव से जब सीओ ने कड़ाई से पूछताछ की तो कैमरे के सामने उसने सारी पोल खोल दी। सिपाही को निलंबित कर सभी तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
वहीँ अब उसके छावनी स्थित आलिशान होटल पहुंचकर कंप्यूटर के सीपीयू और कुछ रजिस्टरों को सीज कर दिया गया। बताया जा रहा है कि आरएस यादव ने होटल किसी ड्राइवर के नाम पर बना रखा है। मकबूल आलम रोड स्थित आलीशान मकान में पुलिस ने घंटों छापेमारी कर रिकॉर्ड जब्त किए, सूत्रों के मुताबिक इस एआरटीओ के पास अरबों की बेनामी संपत्ति है। कई संपत्ति दुसरों और नौकरों के नाम है। गोरखपुर के रुस्तमपुर में करोडों का कॉम्प्लेक्स है। आरएस यादव मूल रूप से गोरखपुर के चौरी-चौरा के रहने वाले हैं। छापेमारी का नेतृत्व कर रहे चंदौली के सीओ प्रदीप सिंह चंदेल ने बताया कि अभी संपत्ति जांच की जा रही है।