गज़ब : इस मंदिर में देवी-देवताओं की नहीं बल्कि ट्रॉफियों की होती है पूजा

नई दिल्ली : अभी तक आपने कई मंदिरों के बारे में सुना होगा, जिनमें देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। देवी-देवताओं के भी विभिन्न रूप और विभिन्न प्रकार की पूजा पद्धिति के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप ऐसे मंदिर के बारे में जानते हैं जिसमें भगवान की नहीं बल्कि ट्रॉफियों की पूजा की जाती है। यकीनन आपने नही सुना होगा। कोई बात नहीं, आईये इस मंदिर के बारे में हम आपको बताते हैं।

दरअसल हरियाणा के पानीपत के अहर गांव में संभवत: देश का इकलौता मंदिर है, जहां पर ट्रॉफियों की पूजा की जाती है। गांव का जो भी खिलाड़ी मेडल या ट्रॉफी जीतकर लाता है, उसे दादाखेड़ा में रखा जाता है। गांव को बसाने से पहले जिस स्थान पर दो ईंटें रखी जाती हैं, उसेे दादाखेड़ा कहा जाता है। इसलिए यहां श्रद्धालु भी आते हैं और खिलाड़ी भी। यहां अब तक 250 से ज्यादा ट्राॅफियां इकट्‌ठी हो चुकी हैं।

गांव के लोग दादाखेड़ा के साथ ट्राॅफियों की भी पूजा कर मन्नतें मांगते हैं कि गांव के ज्यादा से ज्यादा बच्चे ट्राॅफी जीतकर लाएं। 10 साल पहले यहां की टीम ट्राॅफी जीतकर लाई। खिलाड़ियों ने तय किया कि ट्राॅफी को दादाखेड़ा में रख दिया जाए। इससे बच्चों का रुझान खेलों की तरफ बढ़ेगा। असर यह हुआ कि कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं। रामपाल, मीतू, प्रवीण, अनिल, बलकार, महाबीर अंतरराष्ट्रीय कबड्‌डी खिलाड़ी हैं।

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