असलम खान की रिपोर्ट :
मिर्ज़ापुर : सरकार जहाँ चाहती है कि खुले में शौच बंद हो। सबको शौचालय मुहैया करायी जाय। महिलाएं शर्मसार न हो परन्तु आज भी कुछ ऐसी सड़कें है जहाँ सुबह और शाम को कोई भी जाना पसंद नहीं करता। ऐसा ही है नगर पालिका क्षेत्र का पट्टी खुर्द वार्ड कच्ची सड़क पर पोखरा साहू वाइन। कहने को तो आदर्श नगर पालिका का दर्जा प्राप्त है, पर इन क्षेत्रों में आज भी सुबह और शाम शौच करते हुए आसानी से महिला एवं पुरुष दिख जाते हैं। पर पालिका प्रशासन को वह जिले को शौच मुक्त का दावा करने वाले अधिकारियों को नहीं दिखता।
वैसा ही एक थाना क्षेत्र के इमलिया चट्टी चौकी क्षेत्र में पड़ने वाला गांव खुटहां को जाने वाली सहबल्ली पुल से छिल्लैया की सड़क व जरगो बांध के नहर के किनारे जाने वाली सड़क। सरकारी आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो लगता है कि मीरजापुर खुले शौच मुक्त जनपद है, लेकिन ऐसा इस गांव को देखने के बाद नहीं लगता। इस गांव को मुख्य सड़क पटिहटा इमलिया को जोड़ने वाली सड़क के दर्जनों परिवारों की महिलाएं खुले में शौच करने को बाध्य है। ऐसा नहीं है कि इनके घरों में शौचालय है बल्कि ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी ने सर्वे सही ढंग से नहीं कराया, जिससे गरीब परिवारों को सरकारी सुविधाओं से नहीं जोड़ा गया है। सो यहाँ के दर्जनों परिवार सरकारी आंकड़ों व सरकारी मंशा को ठेंगा दिखाते हुए खुले में शौच करने को बाध्य है।
इस गांव के निवासी. नसीम, निज्जामुद्दीन, जगपति, सुल्तान, हैदर, सफीउल्लाह, कन्हैया यादव आदि ने बताया कि सरकारी सुविधा के लिए हमने मौखिक और लिखित मांग सरकारी नुमाइंदों से की लेकिन गरीबों की सुनता कौन है साहब? हमारे घरों की महिलाएं खुले में शौच को जाय, हमें भी अच्छा नहीं लगता।
सूत्रों के मुताबिक आज सड़क के किनारे खुले में शौच करने वाले परिवारों से बात की जाती है तो पता चलता है कि शौचालय मुहैया कराने वालों का एक सिंडिकेट है जो धन उगाही करके इस योजना को अमलीजामा पहनाता है और जिस परिवार का आय ही अतिनिम्न है वो इस सरकारी योजना से इन सिंडिकेटों के कारण नहीं जुड़ पाते हैं। सो सड़कों के किनारे खुले में शौच करने को बाध्य है।
सरकार भले ही अपनी पीठ खुद थपथपाये मगर हकीकत यही है। कम से कम ग्राम खुटहां के इन परिवारों के महिलाओं का खुले में सड़क के किनारे बैठे देख यहीं समझा जा सकता है।इस गांव के ग्राम प्रधान शिवधारी मौर्या व सेक्रेटरी मुकेश गौतम से कौन पूछे कि जो खबरबीनों को साफ साफ दिखता है वो इनको क्यूँ नहीं दिखता?अब ग्रामीण इस समस्या के हल के लिए डी एम मिर्जापुर की ओर देख रहे हैं।